14वां चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिल्प मेला 29 नवंबर से, एक जगह दिखेगी देश के कोने-कोने की झलक
-पद्मश्री सुरेश वाडेकर और पद्मा वाडेकर, कंवर ग्रेवाल सहित कई नामचीन कलाकर देगे प्रस्तुति
रमेश गोयत
चंडीगढ़। 20 नवंबर, 2024
भारत की संस्कृति के अनेक रंग हैं और हर रंग अपने आप में अनूठा है । ऐसे ही अनेक रंगों को लेकर आ रहा है 14वां चंडीगढ़ क्राफ्ट मेला उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र और चंडीगढ़ कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त आयोजन में होने वाले इस मेले में इस बार पंजाबी के नामचीन गायकों के साथ साथ ही कश्मीरी, डोगरी, हिमाचली और उत्तराखंड के मशहूर गायक भी अपनी प्रस्तुति देंगे ।
14वां चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिल्प मेला 29 नवंबर से 8 दिसंबर तक कलाग्राम में होगा, जिसमें देश के हर कोने से कलाकार और कारीगर एकत्रित होंगे। आप अलग-अलग राज्यों की विरासत में बसी कला के साथ उनके स्वादिष्ट व्यंजनों का भी मेले में आनंद ले पाएंगे।
इस वर्ष के शिल्प मेले की थीम भी “भारत के रंग” निश्चित की गई है, जिसके अनुसार बंगाल के कारीगर मेले की साज सज्जा की सामग्री तैयार कर रहे हैं । मेले का प्रारंभ प्रतिदिन सुबह 11 बजे से होगा और रात 9.30 बजे तक यहां के लोग प्रस्तुतियों और प्रदर्शनियों का । प्रातःकालीन सत्र में स्कूली बच्चों के लिए अनेक कार्यक्रम होंगे तथा अलग अलग राज्य से आए लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां भी होंगी । बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी (क्विज़) भी होगी ।
मेले में खरीददारी हेतु 24 राज्यों से आए हस्तशिल्पी होंगे जो अपने उत्पाद का प्रदर्शन और विक्रय करेंगे । इनमें कई हस्तशिल्पी राष्ट्रीय अवॉर्डी भी होंगे । साथ ही कबीर पुरस्कार प्राप्त कारीगर भी आमंत्रित किए गए हैं। इस बार 20 विशेष स्टाल बनाए जा रहे हैं जिन्हें हेरिटेज लुक में सजाया जाएगा और इसमें शिल्पकार अपनी शिल्पकला को सभी के सामने प्रदर्शित भी करेंगे ।
चंडीगढ़ के कला प्रेमियों के अलावा आसपास के कलाप्रेमियों को देशभर की कला, शिल्प और सांस्कृतिक आयोजनों का आनंद उठाने का मौका मिलेगा। ट्राई सिटी के लोगों को इस क्राफ्ट मेले का इंतेज़ार रहता है।
शिल्प के साथ 10 दिन के मेले में रोजाना लोक कलाओं की प्रस्तुति के साथ बड़े नामचीन कलाकार अपनी गायकी से लोगों को आनंदित करेंगे । इसमें पद्मश्री अवॉर्डी सुरेश वाडेकर और पद्मा वाडेकर के अलावा हरभजन सिंह, कंवर ग्रेवाल, फिरोज खान, कश्मीर से गुलजार गनई, जम्मू से चमन लेहरी, हिमाचल प्रदेश से गीता भारद्वाज और काकु राम ठाकुर, उत्तराखंड से इंदर आर्य समेत कई अन्य कलाकार शामिल हैं। कुछ और बड़े नाम फाइनल होने की स्टेज पर हैं ।
युवाओं के लिए भी मेले में खास इंतजाम किए गए हैं। इसमें युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए ललित कला अकादमी की ओर से फोटोग्राफी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। जो फोटो बेस्ट चुने जाएंगे उन्हें हर दूसरे दिन इनाम भी दिए जाएंगे। इसमें हमेशा ही बड़ी भागीदारी रहती है और इस बार भी ऐसी ही उम्मीद है।
तरह तरह के व्यंजन व पकवान हर मेले की जान होता है और यहां भी ऐसा ही होगा। देश के अलग-अलग कोने के व्यंजन के स्टॉल मेले में लगाए जाएंगे और शहर के लोग उस जायकों का आनंद ले पाएंगे जो हर राज्य अपने अंदर संजोये हुए है। आप अपने घर के बुजुर्गों, करीबी दोस्तों, परिवार के साथ कला का अनुभव लेते हुए इस भोजन का स्वाद लें और अपने अंदर कला को संजोकर ले जाएं।
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