वर्ष-2024 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की मासिक रैंकिंग में 10वीं बार प्रथम स्थान पर रही हरियाणा पुलिस
-पिछले वर्ष अपलोड हुआ 54 हजार से अधिक फिंगर प्रिंटस का डेटा, नेफिस साफटवेयर की सहायता से सुलझाए 26 केस जिनमें 6 हत्या संबंधी मामले शामिल
-नेफिस साफटवेयर की सहायता से वर्ष-2024 में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त 16 अज्ञात शवों की भी हुई पहचान
- *साइबर हेल्पलाइन पर 100 प्रतिशत कॉल अटेंड करने में भी हरियाणा रहा प्रथम स्थान पर
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 20 फरवरी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) की मासिक रैकिंग मे हरियाणा पुलिस ने वर्ष-2024 में 10वीं बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सीसीटीएनएस की पूरी टीम को बधाई दी है।
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एससीआरबी) के निदेशक शिवास कबिराज ने बताया कि सीसीटीएनएस को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के अगस्त-2023 में पदभार संभालने उपरांत एससीआरबी में तकनीकी कार्यक्षमता बढ़ाने व कार्यप्रणाली को बेहतर करने हेतु कई सकारात्मक बदलाव किए गए जिसके परिणामस्वरूप पिछले 17 महीनों में 15 बार एनसीआरबी की मासिक रैकिंग में हरियाणा पुलिस प्रथम स्थान पर रही।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की जा रही इस मासिक रैंकिंग में विभिन्न मापदंडों पर प्रदेश पुलिस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हरियाणा पुलिस ने अगस्त व सितंबर-2024 में 99.99 प्रतिशत स्कोर के साथ देश भर में तीसरा स्थान प्राप्त किया था जबकि अन्य माह में हरियाणा पुलिस ने शत्-प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। वर्तमान में सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण, सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, डेटाबैंक सेवाएं आदि कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस की रैंकिंग में प्रदेश पुलिस लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। सीसीटीएनएस का प्रयोग पुलिस की तरफ से अपराध व अपराधियों का डेटाबेस तैयार करने के लिए किया जाता है। इसी क्रम में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा संचालित नेफिस सॉफटवेयर में पिछले वर्ष 54,405 फिंगर प्रिंट का डेटा अपलोड किया गया और गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों व अनजान शवों के डाटा से साथ मिलान किया गया। अपलोड किए गए इन फिंगर प्रिंटस में से 25,400 फिंगर प्रिंट स्लिप नेफिस के रिकॉर्ड से मैच हो गई जिनका पहले से आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। वर्ष-2024 में क्राइम सीन से तक़रीबन 2392 चांस प्रिंट(वारदात वाले स्थान से उठाए जाने वाले नमूने) उठाये गए जिनमें से 916 चांस प्रिंट का डेटा सफलतापूर्वक अपलोड करके उन्हें नेफिस पर वेरीफाई किया गया।
नेफिस सिस्टम के बारे में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा 46 वर्कशॉप आयोजित की गई। अब तक नेफिस सिस्टम की सहायता से 16 अज्ञात शवों की पहचान भी की है जिनका पिछले आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। वर्ष-2024 में नेफिस सॉफटवेयर के माध्यम से 26 मामले सुलझाए गए जिनमें 6 मर्डर केस शामिल थे।
एफआईआर का डेटा सीसीटीएनएस पर किया जा रहा है अपलोड
प्रदेश के सभी पुलिस थानों को सीसीटीएनएस से जोड़ा जा चुका है। वर्तमान में सीसीटीएनएस द्वारा ही एफआईआर लिखी जा रही है। इसी प्रकार, प्रदेश में नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 का स्कोर प्रगति डैशबोर्ड पर 100 प्रतिशत रहा है जिसका अभिप्राय है कि वर्तमान में प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर हैल्पलाइन नंबर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित एवं प्रभावशाली कार्यवाही की जा रही है।
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