जींद: रिश्वतखोरी के मामले में पूर्व कार्यकारी अभियंता को 5 साल की सजा
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 20 जनवरी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय जींद ने सिंचाई विभाग, नरवाना के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता बनारसी दास को रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
शिकायत पर हुई थी कार्रवाई
शिकायतकर्ता अमित कुमार, निवासी गांव ढाकल, जिला जींद ने 21 अक्टूबर 2022 को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) करनाल में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने दुब्बल ड्रेन की सफाई के कार्य का ठेका लिया था। इस कार्य के 6,13,000 रुपये के बिल को पास करने के बदले कार्यकारी अभियंता बनारसी दास ने 60,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
रंगे हाथों पकड़ा गया था अभियंता
शिकायत के आधार पर एसीबी करनाल की टीम ने 21 अक्टूबर 2022 को बनारसी दास को 60,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, करनाल में मुकदमा नंबर 37, धारा 7 पीसी एक्ट, 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
चार्जशीट और अदालत का फैसला
जांच पूरी होने के बाद 12 दिसंबर 2022 को आरोपी के खिलाफ धारा 7, 13(1)(b) के साथ धारा 13(2) पीसी एक्ट के तहत एसीबी करनाल द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई।
20 फरवरी 2025 को मामले का ट्रायल पूरा होने के बाद न्यायालय ने बनारसी दास को दोषी करार दिया। अदालत ने धारा 7 पीसी एक्ट, 1988 के तहत 4 साल की सजा और 20,000 रुपये जुर्माना तथा धारा 13(1)(b) के साथ धारा 13(2) पीसी एक्ट के तहत 5 साल की सजा और 50,000 रुपये जुर्माना लगाया।
यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और प्रशासन में पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक सख्त संदेश देता है।
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