बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का संघर्ष जारी, सभी कार्यालयों में विरोध रैलियां निकाली
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 09 दिसंबर - चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का संघर्ष जारी है। इसके अनुसार बिजली कर्मियों को अपनी सेवा शर्तों को बचाने के लिए सरकारी विभाग को बेचने के लिए जो एल.ओ.आई. जारी किया जाता है। नियमों की अनदेखी कर जल्दबाजी में इसे रद्द कर निजी कंपनी को हस्तांतरित करने के फैसले के खिलाफ यूटी पावरमैन यूनियन के सभी कार्यालयों में लन्च टाइम में गेट मीटिंगें की गई।
यूनियन महासचिव गोपाल दत्त जोशी, अमरीक सिंह, सुखविंदर सिंह सिद्धू, राजिंदर कटोच, रघुबीर सिंह, भूपिंदर सिंह, गुरुमीत सिंह, पान सिंह, रेशम सिंह, सुरजीत सिंह, रेशम सिंह, अमित ढीगरा ने विभिन्न कार्यालयों में रैलियों को संबोधित किया , विनय प्रसाद, राम गोपाल, गगनदीप, , कमल कालिया, सुरिंदर सिंह, टेकराज, ललित सिंह, करमजीत सिंह आदि नेताओं ने कहा कि कर्मचारियों की सेवा शर्तों में बदलाव उन्हें मंजूर नहीं है. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की विरासत बिजली विभाग को बचाने के लिए वह आखिरी सांस तक लड़ेंगे। अलग-अलग जगहों पर बातचीत करते हुए उक्त नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने कर्मचारियों की सेवा शर्तें तय किये बिना ही नामचीन कंपनी को एलओआई जारी कर दिया है. जो सीधे तौर पर कर्मचारियों को धमकाना है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों की सेवा शर्त तय किये बिना और उनकी सहमति के बिना विभाग को निजी कंपनी को सौंपने का प्रयास किया गया तो उसी दिन से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जायेगा
वक्ताओं ने चंडीगढ़ प्रशासक से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए उन्हें सरकारी विभाग में बनाए रखने का निर्णय लेने की मांग की है और प्रशासनिक अधिकारियों से जल्दबाजी में कोई भी कर्मचारी विरोधी निर्णय न लेने की मांग की है।
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