चंडीगढ़ में आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में कौशल रोजगार निगम की मांग
आउटसोर्स कर्मचारी को समय पर नहीं मिल रहा वेतन: विक्रम
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 04 जनवरी। चंडीगढ़ यूटी के आउटसोर्स कर्मचारियों के शोषण को समाप्त करने और उनके लिए रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है। कर्मचारी नेता विक्रम सिंह ने चंडीगढ़ प्रशासन व केंद्र सरकार से हरियाणा की तर्ज पर कौशल रोजगार निगम बनाने की मांग की है। विक्रम सिंह, जो मौलिक अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से आवाज उठाते रहे हैं, ने इस मुद्दे पर भारत के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, श्रम मंत्री, वित्त मंत्री, राष्ट्रपति और चंडीगढ़ प्रशासक सहित लगभग 400 अधिकारियों को ईमेल के माध्यम से अपनी मांगें प्रस्तुत की हैं।
विक्रम सिंह ने तर्क दिया कि हरियाणा और पंजाब सरकारें अपने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए समय-समय पर रोजगार सुरक्षा और "समान कार्य समान वेतन" नीति लागू करने के लिए प्रतिबद्ध रही हैं। इसके विपरीत, चंडीगढ़ में पिछले 15-20 वर्षों से आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई भी सुरक्षित नीति नहीं अपनाई गई है। ठेकेदारों के माध्यम से काम करने वाले इन कर्मचारियों को रोजगार सुरक्षा और समान वेतन का लाभ नहीं मिल रहा है।
विक्रम सिंह की प्रमुख मांगें:
- कौशल रोजगार निगम की स्थापना: हरियाणा की भाजपा सरकार की तर्ज पर चंडीगढ़ में एक कौशल रोजगार निगम बनाया जाए, ताकि ठेकेदारों द्वारा कर्मचारियों का शोषण बंद हो सके।
- सुरक्षित नीति लागू करना: आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक मजबूत और सुरक्षित नीति बनाई जाए।
- समान कार्य समान वेतन: सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए यह नीति तुरंत लागू की जाए।
विक्रम सिंह ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस याचिका पर तुरंत संज्ञान लें और चंडीगढ़ में आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाएं। उन्होंने इसे गरीब और जरूरतमंद कर्मचारियों के जीवन में सुधार के लिए एक ऐतिहासिक पहल बताया। यदि यह मांग पूरी होती है, तो यह केंद्र सरकार की ओर से चंडीगढ़ के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम होगा।
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