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यमुना से लेकर अरावली तक हजारों करोड़ के खनन घोटाले को अंजाम दे चुकी बीजेपी सरकार- हुड्डा रमेश गोयत चंडीगढ़, 5 जनवरी । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि अवैध खनन घोटाले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। अब बीजेपी सरकार में हुए हज़ारो करोड़ के नए खनन घोटाले का खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट और एफआईआर से खुलासा हुआ है कि नूंह स्थित अरावली पहाड़ियों हज़ारों टन पत्थर की अवैध निकासी हुई है। कुल मिलाकर इसके जरिए प्रदेश के राजस्व को लगभग 20,000 करोड़ की चपत लगाई गई है। साथ ही पर्यावरण के साथ भी घातक स्तर पर खिलवाड़ हुआ है। बावजूद इसके बीजेपी सरकार पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठी है। क्योंकि ये पूरा खेल सरकार की मिलीभगत के जरिए ही खेला जा रहा है। हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार सिर से लेकर पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। पिछले दिनों ही खुलासा हुआ था कि सरकार के संरक्षण में खनन माफिया नूंह के पास 22 अरब रुपए का पूरा का पूरा पहाड़ चट कर गया। यह वही इलाका है, जहां अवैध खनन की वजह से कई बार हादसे हो चुके हैं और लोगों की जान जा चुकी है। यहीं पर अवैध खनन माफिया ने एक डीएसपी तक की जान ले ली थी। बावजूद इसके आजतक किसी भी माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे स्पष्ट है कि यह अवैध खनन का पूरा धंधा सरकार के संरक्षण में चल रहा है। नूंह से पहले यमुना और डाडम में भी अवैध खनन का घोटाला उजागर हो चुका है। एनजीटी से लेकर कोर्ट और यहां तक कि भाजपा नेताओं ने माना है कि डाडम में हजारों करोड़ का खनन घोटाला हुआ है। आसमान छूती पहाड़ियों को पाताल में बदल दिया गया है। इस वजह से यहां पहाड़ के दरकने से आधा दर्जन मजदूरों की दबकर मौत हो गई थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि खनन माफिया ने यमुना में भी जमकर तबाही मचाई है। यमुना में इस क़द्र खनन किया कि उसकी धारा को ही बदल दिया। यमुना में अवैध खनन के चलते, साथ लगते इलाके में हमेशा बाढ़ का खतरा बना रहता है और कई बार यह इलाका भयंकर बाढ़ का सामना कर चुका है। सरकार के राजस्व से लेकर आम लोगों के जीवन पर अवैध खनन का बेहद नकारात्मक असर पड़ रहा है। इसलिए कांग्रेस का सवाल है कि बीजेपी सरकार ने हजारों करोड़ रूपया खनन माफिया की जेब में क्यों जाने दिया? आखिर बीजेपी पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच से क्यों भाग रही है?
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