8वें कमीशन व पुरानी पेंशन आदि मांगों को लेकर कर्मचारी करेंगे राष्ट्रव्यापी आंदोलन: सुभाष लांबा
दस सुत्रीय मांगों को लेकर 7-8 फरवरी को देश भर में होंगे धरने प्रदर्शन
8 मार्च को कामकाजी महिलाओं की मांगों को लेकर मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
रमेश गोयत
चंडीगढ़ ,6 जनवरी। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन ने आठवें पे कमीशन के गठन और पुरानी पेंशन बहाली जैसी कर्मियों की मांगों की अनदेखी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। यह जानकारी देते हुए फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि 7-8 फरवरी को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। इसकी तैयारियों के लिए जनवरी माह में सभी राज्यों में राज्य कमेटियों की बैठकों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फ़रवरी माह में मंडल स्तरीय और मार्च माह में जिला, ताल्लुक व ब्लॉक स्तर पर कर्मचारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। जून - जूलाई में सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, स्कूल, कालेज आदि में छोटी बैठकें आयोजित की जाएगी और कर्मचारियों को निर्णायक आंदोलन के लिए तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिलाओं की मांगों को लेकर 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आयोजित किया जाएगा । जिसके तहत सभी जिलों में प्रदर्शन किए जाएंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि सरकार ने आठवें पे कमीशन के गठन और पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली जैसी महत्वपूर्ण मांगों से इंकार कर जले पर नमक छिड़कने का काम किया और कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर किया है। उन्होंने बताया कि रिकार्ड तोड़ जीएसटी कलेक्शन के बावजूद कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के फ्रिज किए 18 महीने के बकाया डीए / डीआर को रिलीज नहीं किया जा रहा है। देश के करोड़ों पेंशनर्स की 65,70 व 75 वर्ष की आयु होने पर बेसिक पेंशन में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी करने और पेंशन कंप्यूटेशन राशि को 15 की बजाय 12 साल तक रिकवर करने जैसी मांगों को भी अनसुना किया जा रहा है। जिससे करोड़ों पेंशनर्स में भारी गुस्सा है। उन्होंने कहा कि आज बेरोजगारी चरम पर है और दूसरी तरफ केन्द्र एवं राज्यों और पीएसयू में करीब एक करोड़ पद रिक्त हैं। सरकार इन पदों को विशेष अभियान चला कर स्थाई भर्ती से भरने की बजाय बहुत ही न्यूनतम स्थाई भर्ती कर रही है। स्थाई स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध भी ठेका संविदा आउटसोर्स आधार पर नियुक्ति की जा रही है। जहां उन्हें बहुत ही मामूली वेतन दिया जा रहा है। फौज तक में चार साल तक के लिए अग्निवीर भर्ती किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी ठेका संविदा, आउटसोर्स व दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित करने और भविष्य में ऐसी भर्तियों पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों का विस्तार करने की बजाय उसको सिकोड़ा जा रहा है और पीएसयू को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। उन्होंने चंडीगढ़ पावर डिपार्टमेंट,उप्र व राजस्थान डिस्कॉम को कौड़ियों के भाव में निजी हाथों में सौंपने की घोर निन्दा की। उन्होंने कहा कि आंदोलन के लिए चलाएं जाने वाले अभियान में कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को मेडिकल सुविधा देने और सरकारी समर्थन के साथ व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना बनाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वापस लेने, संविधान के अनुच्छेद 310,311(2) ए,बी और सी को निरस्त करने, आयकर छूट की सीमा दस लाख रुपए करने,सभी राज्यों में पांच साल में एक बार आवधिक वेतन संशोधन करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों से सरकार की कर्मचारी, मजदूर एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ और दस सुत्रीय मांगों को लेकर निर्णायक आंदोलन की तैयारी का आह्वान किया है।
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