Himachal News: डिजिटल नवाचार के लिए सामाजिक उद्यम 'बुरांश' को राज्य का एक्सीलेंस अवॉर्ड
दिल्ली में मंत्री जगत सिंह नेगी ने गौतमी एवं सिद्धार्थ को पुरस्कार प्रदान किया
बाबूशाही ब्यूरो, 04 जनवरी 2025
शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम ने शिमला के युवा दंपति-सिद्धार्थ लखनपाल और गौतमी श्रीवास्तव के सामाजिक उद्यम 'बुरांश' को डिजिटल नवाचार में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए "हिमाचल हैंडक्राफ्ट एंड हैंडलूम एक्सीलेंस अवॉर्ड" प्रदान किया है।
नई दिल्ली के दिल्ली-हाट में आयोजित हिम- महोत्सव में प्रदेश के बागवानी, राजस्व एवं जनजातीय विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम और निगम की प्रबंध निदेशक गंधर्वा राठौर की उपस्थिति में बुरांश के सह-संस्थापकों, सिद्धार्थ लखनपाल और गौतमी को यह पुरस्कार प्रदान किया।
उन्हें नवाचार की श्रेणी में उत्कृष्ट उपलब्धियां प्राप्त के लिए प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। जगत सिंह नेगी ने कहा कि उच्च शिक्षित युवाओं को नौकरी ढूंढने की बजाय इस युवा दंपति से प्रेरणा लेकर सामाजिक उद्यम शुरू करने चाहिए। आरडी नजीम और गंधर्वा राठौर ने उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
सिद्धार्थ और गौतमी ने कहा कि वे हिमाचल की विरासत को डिजिटल टूल्स, क्राफ्ट उत्पादन और स्टोरी टेलिंग के माध्यम से संरक्षित करने एवं बढ़ावा देने के नवाचार में 'बुरांश' को यह महत्वपूर्ण अवॉर्ड देने के लिए प्रदेश के बागवानी, राजस्व एवं जनजातीय विभाग के मंत्री जगत सिंह नेगी एवं हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के आभारी हैं।
इंग्लैंड में उच्च शिक्षा प्राप्त गौतमी ने नीति आयोग और सिद्धार्थ लखनपाल ने कॉरपोरेट सेक्टर छोड़ कर 2020 में शिमला में 'बुरांश' की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य हिमाचल एवं हिमालय क्षेत्र के अन्य राज्यों के ग्रामीण समुदायों के हाथ से बने उत्पादों की विश्वस्तरीय ब्रैंडिंग और पैकेजिंग कर के डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ग्राहकों तक पंहुचाना है। इसके अलावा वे पहाड़ी क्षेत्रों के कृषि उत्पादक संगठनों, महिला संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से बिक्री का प्रशिक्षण भी देते हैं।
युवा दंपती बुरांश के उत्पाद अपनी वेबसाइट और अमेजॉन के माध्यम से बेचते हैं। पिछले दो वर्षों में उन्होंने 250 से ज्यादा किसानों को कम लागत वाली फोटोग्राफी के साथ ही फ्री गूगल टूल्स का इस्तेमाल और इंस्टाग्राम तथा फेसबुक के जरिए ग्राहकों तक पहुंच बनाने का प्रशिक्षण भी दिया है। उन्होंने नाबार्ड, कृषि विभाग, हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम और कृषि सहकारी स्टाफ प्रशिक्षण संस्थान के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। (SBP)
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