केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में बुनियादी ढांचे के मामले का लिया संज्ञान, राज्य सभा सांसद सतनाम संधू ने उठाया था मुद्दा
राज्यसभा सदस्य सतनाम संधू ने केंद्रीय कानून मंत्री से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के मुद्दे को हल करने का किया आग्रह
राज्यसभा सदस्य सतनाम संधू ने केंद्रीय कानून मंत्री को ज्ञापन सौंपकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपर्याप्त पार्किंग सुविधाओं, वकीलों के लिए चैंबरों की कमी के मुद्दों पर हस्तक्षेप की मांग
विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में ‘अपर्याप्त बुनियादी ढांचे’ का मामला रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ के समक्ष उठाया है। राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने केंद्रीय विधि मंत्री से मुलाकात की थी तथा उन्हें ज्ञापन सौंपकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वकीलों के लिए अपर्याप्त पार्किंग सुविधाओं, चैंबरों की कमी के मुद्दों पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय, न्याय विभाग में सचिव गौरव कुमार त्रिपाठी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि वकीलों के लिए अपर्याप्त पार्किंग सुविधाओं, चैंबरों एवं बैठने के स्थानों की कमी के मुद्दे को रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ को आगे की उचित कार्रवाई के लिए अवगत करा दिया गया है। अपने पत्र में सांसद ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वकीलों के लिए अपर्याप्त पार्किंग सुविधाओं, चैंबरों एवं बैठने के स्थानों की कमी का मुद्दा उठाया था तथा इसे हल करने के लिए विधि मंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
अपने जवाब में कानून मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय भवन तथा इससे संबंधित सुविधाओं का निर्माण एवं रखरखाव संबंधित उच्च न्यायालय के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में आता है तथा तदनुसार, अपर्याप्त पार्किंग सुविधाओं, वकीलों के लिए चैंबरों तथा बैठने के स्थानों की कमी के संबंध में उठाए गए मुद्दों से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को अवगत करा दिया गया है तथा मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
कानून मंत्री के पत्र में आगे कहा गया है कि वाहनों के लिए अतिरिक्त चैंबरों तथा पार्किंग स्थल के निर्माण की तत्काल आवश्यकता है तथा इस उद्देश्य के लिए उच्च न्यायालय परिसर के भीतर या उसके निकट पर्याप्त स्थान का आवंटन आवश्यक होगा।
उल्लेखनीय है कि सांसद (राज्यसभा) सतनाम सिंह संधू ने अपने पत्र में कहा था कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कानूनी बिरादरी कुछ ऐसी चुनौतियों का सामना कर रही है, जो उनके कामकाज और कल्याण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। संधू के पत्र में कहा गया है कि उच्च न्यायालय परिसर में पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं का अभाव है, जिससे लगभग 14,000 पंजीकृत वकीलों और अन्य हितधारकों को काफी असुविधा हो रही है। वकीलों, केस लड़ने वाले और न्यायालय के कर्मचारियों के वाहनों को समायोजित करने के लिए मौजूदा पार्किंग व्यवस्था पूरी तरह अपर्याप्त है।
विभिन्न अभ्यावेदनों के माध्यम से इस मुद्दे को बार-बार उठाया गया है, लेकिन आज तक कोई प्रभावी समाधान लागू नहीं किया गया है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में अभ्यास करने वाले वकीलों के लिए चैंबर और बैठने की जगह की भारी कमी है।
मौजूदा बुनियादी ढांचा कानूनी बिरादरी की पेशेवर जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। सांसद संधू ने कहा कि न्यायालय के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने और कानूनी पेशे की गरिमा को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त चैंबरों के निर्माण की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने इस मुद्दे को हल करने के लिए उच्च न्यायालय परिसर के भीतर या उसके निकट पर्याप्त स्थान आवंटित करने का भी सुझाव दिया है।
एमपी संधू ने कहा "हम बहुत आभारी हैं कि विधि मंत्रालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे से संबंधित मामले का उचित संज्ञान लिया है तथा संबंधित प्राधिकरण को निर्देश जारी किए हैं। हमें उम्मीद है कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई जल्द ही की जाएगी, ताकि लंबे समय से चले आ रहे इस मुद्दे का समाधान हो सके। आज, दुनिया देश भर में न्यायिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में मोदी सरकार की सराहनीय उपलब्धियों को देख रही है। न्यायपालिका की दक्षता में सुधार के लिए कई नए न्यायालय परिसरों का निर्माण किया गया है तथा आधुनिक सुविधाएं शुरू की गई हैं। न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में इस प्रगतिशील दृष्टिकोण ने हाल के वर्षों में एक उल्लेखनीय मिसाल कायम की है।
kk
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