टोहाना में विशाल किसान महापंचायत ने पीएम मोदी को लोकतंत्र का सम्मान करने की चेतावनी दी और सभी किसान संगठनों से चर्चा करने व किसान नेता दल्लेवाल की जान बचाने को कहा
हरियाणा के गांवों के किसान 10 जनवरी 2025 से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर एनपीएफएएम को निरस्त करने की मांग करेंगे
महापंचायत में दुर्घटना में मारी गई तीन महिला किसानों की मौत पर शोक व्यक्त किया व मुआवजे की मांग की गई
दलजीत कौर
नई दिल्ली/चंडीगढ़, 4 जनवरी, 2025: एसकेएम द्वारा हरियाणा के टोहाना में बुलाई गई विशाल किसान महापंचायत में हजारों किसानों ने भाग लिया और पूरे संयुक्त किसान आंदोलन में विश्वास दिखाया। महापंचायत ने किसानों की एकता को और मजबूत करने का आह्वान किया और पंजाब के खनौरी एवं शंभू बॉर्डर पर किसानों के संघर्ष के साथ एकजुटता व्यक्त की।
किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाही रवैये को छोड़, देश के शशांके लोकतांत्रिक सिद्धांतों का सम्मान करने की मांग की। लोकतंत्र में कोई भी कानून के शासन से ऊपर नहीं है। एनडीए 3 सरकार को सभी किसान संगठनों से बातचीत करनी चाहिए और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने के लिए तुरंत कदम उठाना चाहिए।
महापंचायत ने हरियाणा के किसानों से आह्वान किया कि वे 10 जनवरी 2025 से पहले गांवों से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर कॉरपोरेट समर्थक राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति रूपरेखा (एनपीएफएएम) को निरस्त करने के लिए कहें।
पंचायत में पंजाब के बठिंडा जिले के कोठा गुरु का गांव से टोहाना आते समय दुर्घटना में भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) से संबंधित तीन महिला किसानों की दुखद मौत पर शोक व्यक्त किया गया। मृतकों में जसवीर कौर पत्नी जीत सिंह, सरबजीत कौर पत्नी सुखपाल सिंह (नंबरदार) और बलवीर कौर पत्नी बंत सिंह शामिल हैं।
महापंचायत ने किसान आंदोलन के इन शहीदों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए, पंजाब सरकार से इनके परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा व एक सरकारी नौकरी दे कि मांग की।
kk
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