AI इंजीनियर की खुदकुशी, पत्नी-सास समेत 4 पर FIR:1.20 घंटे के वीडियो में सुनाई आपबीती
बेंगलुरु: बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी मामले में चार लोगों पर FIR दर्ज की गई है। अतुल की पत्नी, सास, साले और चाचा ससुर पर एफआईआर दर्ज की गई है।अतुल के भाई बिकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी। इसी के आधार पर पुलिस ने पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) (जब दो या ज्यादा लोग शामिल हों तो सामूहिक जिम्मेदारी बनती है) का केस दर्ज किया है।अतुल ने 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो जारी किया था। इसमें उन्होंने अपनी आपबीती बताई। अतुल ने ये भी मांग की थी कि अगर उन्हें प्रताड़ित करने वाले बरी हो जाएं तो अस्थियां कोर्ट के बाहर गटर में बहा दी जाएं।
मूल रूप से बिहार के अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ। पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो उनकी बॉडी फंदे पर लटकी मिली। कमरे में ‘जस्टिस इज ड्यू’ (न्याय बाकी है) लिखी एक तख्ती मिली। अतुल सुभाष ने 24 पेज के लेटर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम भी एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की खामियों के बारे में लिखा और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कराने के ट्रेंड के बारे में बताया। एक अन्य नोट में उन्होंने लिखा कि वे अपनी पत्नी की तरफ से दायर कराए गए सभी मामलों के लिए खुद को निर्दोष बता रहे हैं। इनमें दहेज प्रतिरोध कानून और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट से रिक्वेस्ट करता हूं कि इन झूठे केसों में मेरे माता-पिता और भाई को परेशान करना बंद करें।
सुसाइड से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में अतुल ने पूरा मामला विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने 2019 में एक मैट्रिमोनी साइट से मैच मिलने के बाद शादी की थी। अगले साल उन्हें एक बेटा हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और पत्नी का परिवार उनसे हमेशा पैसों की डिमांड करता रहता था, जो वो पूरी भी करते थे। उन्होंने लाखों रुपए अपनी पत्नी के परिवार को दिए थे, लेकिन जब उन्होंने और पैसे देना बंद कर दिया तो पत्नी 2021 में उनके बेटे को लेकर बेंगलुरु छोड़कर चली गई।
अतुल ने कहा, 'मैं उसे हर महीने 40 हजार रुपए मेंटेनेंस देता हूं, लेकिन अब वो बच्चे को पालने के लिए खर्च के तौर पर 2-4 लाख रुपए महीने की डिमांड कर रही है। मेरी पत्नी मुझे मेरे बेटे से न तो मिलने देती है, न कभी बात कराती है।'
'पूजा या कोई शादी हो, निकिता हर बार कम से कम 6 साड़ी और एक गोल्ड सेट मांगती थी। मैंने अपनी सास को 20 लाख रु. से ज्यादा दिए, लेकिन उन्होंने कभी नहीं लौटाए।'अतुल ने कहा कि मेरी पत्नी ने ये केस सेटल करने के लिए पहले 1 करोड़ रुपए की डिमांड की थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया। उन्होंने कहा कि जब इस 3 करोड़ रुपए की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी पत्नी का साथ दिया।
अतुल ने कहा कि मैंने जज को बताया कि NCRB की रिपोर्ट बताती है कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, तो पत्नी ने बीच में कहा कि तुम भी आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते हो। इस बात पर जज हंस पड़ी और कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो। मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी।
अतुल ने बताया कि जब इस मामले को लेकर उसने सास से बात की, तो सास ने कहा कि तुमने अभी तक सुसाइड नहीं किया, मुझे लगा आज तुम्हारे सुसाइड की खबर आएगी। इस पर अतुल ने उन्हें जवाब दिया कि मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी।
उसकी सास ने जवाब दिया कि तुम्हारा बाप पैसे देगा। पति के मरने के बाद सब पत्नी का होता है। तुम्हारे मां-बाप भी जल्दी मर जाएंगे। उसमें भी बहू का हिस्सा होता है। पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेगा।अतुल ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरे लिए मर जाना ही बेहतर होगा, क्योंकि जो पैसे मैं कमा रहा हूं उससे मैं अपने ही दुश्मन को बलवान बना रहा हूं। मेरा कमाया हुआ पैसा मुझे ही बर्बाद करने में लग रहा है। मेरे ही टैक्स के पैसे से ये अदालत, ये पुलिस और पूरा सिस्टम मुझे और मेरे परिवार और मेरे जैसे और भी लोगों को परेशान करेगा। मैं ही नहीं रहूंगा तो न तो पैसा होगा और न ही मेरे मां-बाप और भाई को परेशान करने की कोई वजह होगी।
अतुल ने यह भी कहा कि मेरी आखिरी ख्वाहिश ये है कि मेरे बेटे को मेरे माता-पिता को दे दिया जाए। मेरी पत्नी के पास कोई वैल्यू नहीं है, जो वो मेरे बेटे को दे पाए। यहां तक कि वो तो उसे पालने में सक्षम भी नहीं है। इसके अलावा मेरी पत्नी को मेरे मृत शरीर के पास भी न आने दिया जाए। मेरी अस्थियों का विसर्जन भी तब हो, जब मुझे इस केस में न्याय मिले। नहीं, तो मेरी अस्थियों को गटर में बहा दिया जाए।
From- Dainik Bhaskar
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →