पीजीआई चंडीगढ़ में हिंदी को बढ़ावा, मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 1 अप्रैल 2025 – उत्तर भारत के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के लिए हर दिन हजारों मरीज पहुंचते हैं। इनमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों के लोग शामिल होते हैं। इनमें से अधिकांश मरीज कम पढ़े-लिखे होते हैं, जिससे अस्पताल की प्रक्रियाओं को समझने में उन्हें काफी मुश्किलें आती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, पीजीआई प्रशासन अब हिंदी भाषा को प्राथमिकता देकर मरीजों की मदद करने की दिशा में काम कर रहा है।
मरीजों को होगी आसानी
पीजीआई प्रशासन का मानना है कि हिंदी भाषा का अधिक उपयोग मरीजों को जरूरी जानकारी सरल तरीके से समझने में मदद करेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए, अस्पताल में दिशा-निर्देश, विभागों के नाम, फॉर्म और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं हिंदी में उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।
हिंदी के प्रचार के लिए उठाए गए कदम
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सभी कार्यालयों के कंप्यूटरों में हिंदी फॉन्ट इंस्टॉल किया जा रहा है।
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कर्मचारियों को हिंदी टाइपिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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सरकारी दस्तावेजों और चिट्ठी-पत्री को हिंदी में दर्ज करने के लिए अलग रजिस्टर बनाया जाएगा।
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छुट्टी के आवेदन और अन्य प्रशासनिक कार्यों में हिंदी-अंग्रेजी दोनों भाषाओं का उपयोग किया जाएगा।
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समय-समय पर कर्मचारियों के लिए हिंदी प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
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अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने हस्ताक्षर हिंदी में करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
डायरेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
पीजीआई निदेशक डॉ. विवेक लाल ने सभी विभागाध्यक्षों से अपील की है कि मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ओपीडी, आईपीडी, पर्चियां, कार्ड आदि हिंदी में लिखे जाएं और मरीजों को हिंदी में ही दिशा-निर्देश दिए जाएं।
अन्य सरकारी संस्थानों के लिए मिसाल बनेगा पीजीआई
पीजीआई प्रशासन का यह प्रयास देशभर के अन्य मेडिकल संस्थानों और सरकारी कार्यालयों के लिए एक मिसाल बन सकता है। अगर सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में हिंदी को प्राथमिकता दी जाए, तो इससे पारदर्शिता और कामकाज की गति में सुधार होगा, जिससे आम जनता को भी सीधा लाभ मिलेगा।
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