लोगों को पक्का घर मुहैया कराने की प्रधानमंत्री की योजना पी गई पानी: कुमारी सैलजा
100-100 वर्ग गज के प्लॉट देने के बजाए 30-30 वर्ग गज के प्लॉट पर आ गई सरकार
हरियाणा में बुरी तरह से पिछड़ रही है जिनके सिर पर छत नहीं को पक्का घर मुहैया करवाने की योजना
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 23 फरवरी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरुआत की। इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2022 तक उन लोगों को पक्का घर मुहैया कराना था, जिनके सिर पर छत नहीं है। या जो झुग्गी-झोपड़ी में जीवन जीने को मजबूर हैं। पर सरकार की यह योजना भी पानी नी गई। हरियाणा में कांग्रेस राज में गरीबों को सौ-सौ वर्ग गज के प्लाट मुफ्त प्रदान किए गए थे पर आज भाजपा सरकार 100-100 गज के प्लाट देना तो दूर 30-30 और 50-50 वर्ग गज के प्लाट वो भी कलेक्टर रेट पर देे रही है। भाजपा को जनता से किया गया अपना एक एक वायदा पूरा करना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत पहले चरण में एक करोड़ दस लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था पर सरकार 34 लाख ही मकान बना पाई। कुमारी सैलजा ने कहा कि देश के गरीब लोगों को पक्का घर मुहैया कराने के उद्देश्य से 1996 में इंदिरा आवास योजना के नाम से एक स्कीम शुरू की गई थी, जिसके तहत गरीब परिवारों को सौ सौ वर्ग गज के प्लॉट मुफ्त करवाए गए थे, इतना ही नहीं गांवों में सरकार ने आवंटियों को कब्जे भी दिलाए थे, मकान बनाने के लिए धन तक उपलब्ध करवाया गया था पर इसके बाद आई भाजपा की सरकार ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया। 2016 में सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरुआत की। वर्ष 2022 तक उन लोगों को पक्का घर मुहैया कराना था, जिनके सिर पर छत नहीं है। या जो झुग्गी-झोपड़ी में जीवन जीने को मजबूर हैं। पर गरीबों को आज भी घर नहीं मिला।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना शुरू की। यह योजना उन परिवारों के लिए थी जिनकी परिवार पहचान पत्र के अनुसार सत्यापित वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये तक है को महाग्राम पंचायत में 50 वर्ग गज के भूखंड और ग्राम पंचायत में 100 वर्ग गज के भूखंड उपलब्ध करवाने की बात कही गई। पहले चरण के लिए 2415 ग्राम पंचायतों की पहचान की गई जहां पर शामलात भूमि उपलब्ध है। सरकार खुद स्वीकार कर रही है कि वह 62 ग्राम पंचायतों (61 सामान्य ग्राम पंचायत और एक महा ग्राम पंचायत )के माध्यम से 4533 परिवार को भूखंड उपलब्ध करवा चुकी है जबकि हरियाणा में 154 नगर तथा कस्बे, 6,212 ग्राम पंचायत और 6,841 गांव हैं। शेष ग्राम पंचायतों की ओर कोई ध्यान तक नहीं दिया गया। शहरी क्षेत्रों में जिनके 30-30 वर्ग गज के प्लॉट निकाले गए उनके कीमत वसूल की जा रही है। ऐसा कर सरकार ने जनता के साथ धोखा किया है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जरूरतमंदों को मकान उपलब्ध करवाने के लिए जो योजनाएं शुरू की गई थी उन्हें बंद कर दिया गया। वर्ष 2013 में सिरसा में राजीव गांधी आवासीय योजना के तहत खाजाखेडा रकबा में एक हजार से अधिक मकान बनाए जाने थे जिसके लिए तत्कालील मंत्री गिरिजा व्यास ने शिलान्यस किया था और पहली किश्त के रूप में 95 करोड़ रुपये की राशि जारी गई थी पर बाद में भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं हुआ और न ही बजट राशि का ही कोई सदुपयोग किया, बाद में यह धनराशि दूसरे राज्य में स्थानांतरित कर दी गई अगर सरकार की हर जरूरतमंद को मकान उपलब्ध करवाने की रही होती तो आज एक हजार से अधिक घरों में लोग रह रहे होते। भाजपा सरकार को जनता से किया अपना वायदा पूरा करने के लिए इस दिशा में कदम उठाना ही चाहिए।
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