Himachal News: हिमाचल की जेलों में जाति के आधार पर कैदियों को नहीं बांटा जाएगा काम
कारागारों में जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार उठा रही कदम : सुक्खू
बाबूशाही ब्यूरो, 22 फरवरी, 2025
शिमला। व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए हिमाचल प्रदेश के कारागारों में अब कैदियों के साथ जाति आधारित भेदभाव नहीं होगा। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिशा-निर्देशों के अनुसार बंदियों के बीच समानता सुनिश्चित करने और जाति आधारित कार्य आवंटन को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 में सभी जाति आधारित प्रावधानों में संशोधन किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने मैनुअल में कारागार और सुधार संस्थानों में जाति आधारित भेदभाव को प्रतिबंधित करने के लिए एक पैरा सम्मिलित किया है। नए जोड़े गए प्रावधान के तहत, पैरा 5.66 यह सुनिश्चित करता है कि जाति के आधार पर कैदियों के साथ कोई भेदभाव, वर्गीकरण या अलगाव नहीं किया जाएगा। पैरा 5.67 के अनुसार कारागार में जाति के आधार पर कर्तव्यों और कार्यों का आवंटन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पैरा 5.68 में हाथ से मैला ढोने, सीवर सिस्टम के रखरखाव और सेप्टिक टैंक की सफाई के काम में कैदियों से काम नहीं करवाने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले जेल मैनुअल में महिला कैदियों की अनुपस्थिति में सफाई कार्य के लिए वेतनभोगी सफाई कर्मचारियों को रखने का प्रावधान था। पैरा 214 के तहत इस क्लॉज को अब पूरी तरह से हटा दिया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि अब जेल रिकॉर्ड में कारागार में बंद कैदियों की जाति, समुदाय या धार्मिक संबद्धता का उल्लेख नहीं किया जाएगा। रजिस्टर नंबर एक के क्लॉज नंबर 5 में जाति, संप्रदाय दर्ज करने, गैर-दोषी कैदियों के रजिस्टर और पैरा नंबर 33/06 में उल्लिखित दोषियों के रजिस्टर नंबर दो के बिंदु नंबर 2 को हटा दिया गया है। पहले जेल मैनुअल में इस तरह के वर्गीकरण के प्रावधान शामिल थे। राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल द्वितीय संशोधन, 2025 के माध्यम से इन सुधारों को प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि संशोधित जेल मैनुअल में आदतन अपराधियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति लगातार पंाच वर्षों की अवधि में अलग-अलग अवसरों पर किसी एक या अधिक अपराधों के लिए दो से अधिक बार दोषी ठहराया गया हो या उसे कारावास की सजा सुनाई गई हो, ऐसे व्यक्ति को आदतन अपराधी माना जाएगा यदि किसी अपील या समीक्षा पर उसकी सजा पर पूर्व के निर्णय को न बदला गया हो।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में निष्पक्ष और गैर भेदभाव को जेल कारागार संचालन सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रही है और इसके लिए कारागार में सम्मान, समानता और न्याय बनाए रखने के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। (SBP)
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