रोज फेस्टिवल के दूसरे दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, विदेशी छात्रों ने बिखेरा जलवा
रमेश गोयत
चंडीगढ़। 53वें रोज फेस्टिवल के दूसरे दिन प्राचीन कला केंद्र के विद्यार्थियों ने एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस आयोजन में न केवल भारत के, बल्कि विदेशों से आए संगीत और नृत्य के विद्यार्थियों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत बांग्लादेश के नहियान चौधरी द्वारा गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की रचना पर आधारित नृत्य से हुई, जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके बाद कज़ाखस्तान की लुनारा रुस्तमोवा ने नृत्य के माध्यम से स्त्री की खूबसूरती का अनूठा प्रदर्शन किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
इसके उपरांत कज़ाखस्तान की ही लौरा ने अपनी नृत्य प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मिस्र से आई रेवा द्वारा पंजाबी भांगड़ा की प्रस्तुति ने माहौल को जोश और उमंग से भर दिया, वहीं ज़िम्बाब्वे के ग्लेनडेल ने भी अपने नृत्य से दर्शकों का दिल जीत लिया।
रमीना रुस्तमोवा ने आत्मा और परमात्मा के बीच खूबसूरत बंधन को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को आध्यात्मिक अनुभूति कराई। कज़ाखस्तान की गुलनार और अड़ाना ने भी अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को और रोचक बना दिया।
कार्यक्रम के समापन पर राजस्थानी घूमर नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसे देख दर्शक झूम उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इस सांस्कृतिक संध्या ने रोज फेस्टिवल को यादगार बना दिया।
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