करोड़ों के जिंक चोरी, पंप-मोटर की फर्जी खरीद एवं पेड़ बेचने के मामलों की सीबीआई जांच हो : कोर्डिनेशन कमेटी
बीबीएमबी के बोर्ड दफ्तर पर भूख हड़ताल 47वें दिन भी जारी, आमरण अनशन 11 मार्च से
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 23 फरवरी। कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर सेक्टर 19-बी चंडीगढ़ स्थित बीबीएमबी के बोर्ड सचिवालय पर गत 8 जनवरी से चल रही भाखड़ा-ब्यास इम्प्लाइज यूनियन (एटक) की क्रमिक भूख हड़ताल को रविवार को उस समय बल मिला, जब बीबीएमबी फील्ड इम्प्लाइज यूनियन (सीटू) नंगल भी उनके संघर्ष में शामिल हो गई।
बीबीएमबी कोर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले चल रही इस हड़ताल को रविवार को 47 दिन हो चुके हैं। इस अवसर पर सीटू यूनियन के पैट्रन कामरेड विनोद भट्टी, प्रधान कामरेड राजेश कुमार, महासचिव कामरेड बलबीर सिंह, कामरेड प्राण नाथ तथा विजय कुमार राणा ने चंडीगढ़ पहुंचकर अनशनकारियों का मनोबल बढ़ाया।
रविवार को भूख हड़ताल पर बैठे कुलदीप सिंह और संदीप कुमार को बीबीएमबी फील्ड इम्प्लाइज यूनियन (सीटू) नंगल के पैट्रन विनोद भट्टी ने जूस पिलाकर उठाया और अगले 24 घंटे के लिए सीटू के प्रधान कामरेड राजेश कुमार तथा महासचिव कामरेड बलबीर सिंह को हार पहनाकर भूख हड़ताल पर बैठाया।
सीबीआई जांच की मांग
इस मौके पर यूनियन पदाधिकारियों ने भाखड़ा डैम प्रोजेक्ट के स्टोर डिवीजन में करोड़ों रुपये के जिंक चोरी, लाखों रुपये के पेड़ कटवाकर बेचने और वाटर सप्लाई को सुचारू करने के नाम पर पंप एवं मोटरों की फर्जी खरीद की सीबीआई जांच कराने की मांग की। कोर्डिनेशन कमेटी के सलाहकार एवं बीबीएमबी फील्ड इम्प्लाइज यूनियन (सीटू) के पैट्रन विनोद भट्टी ने कहा कि बोर्ड मैनेजमेंट ने कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते यह संघर्ष 47 दिनों से जारी है। अब इसे 10 मार्च तक जारी रखने और 11 मार्च से आमरण अनशन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
लगातार बढ़ रहा भ्रष्टाचार
उधर, बीबीएमबी डेलीवेज वर्कर्स यूनियन नंगल ने भी अपनी लंबित मांगों को लेकर 6 फरवरी से मुख्य अभियंता भाखड़ा बांध के कार्यालय के समक्ष क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर रखी है, जिसे अब 18 दिन हो गए हैं। यूनियन महासचिव सुरेश कुमार सैनी ने बताया कि यूनियन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जिंक चोरी, पेड़ों की अवैध कटाई और पंप-मोटर की फर्जी खरीद के असली दोषियों को बेनकाब करने की मांग करेगी।
कोर्डिनेशन कमेटी के कन्वीनर अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि पहले भी कई बार जिंक चोरी हो चुकी है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों पर सिर्फ चार्जशीट जारी कर उन्हें तबादला करके मामला रफा-दफा कर दिया गया। नतीजतन, भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है। इसलिए इसकी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच केवल सीबीआई से होनी चाहिए।
यूनियन ने मांग की कि जिन अधिकारियों को 6 फरवरी को छुट्टी पर भेजा गया था और 14 फरवरी को बिना जांच पूरी हुए ड्यूटी पर वापस बुला लिया गया, उन्हें भी एस.डी.ओ., जे.ई. और स्टोर कीपर की तरह सस्पेंड किया जाए।
यूनियन महासचिव सुरेश कुमार सैनी ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह संघर्ष बीबीएमबी इम्प्लाइज कोर्डिनेशन कमेटी के सहयोग से जारी रहेगा।
संघर्ष में शामिल प्रमुख नेता:
- साथी लखमी चंद (वित्त सचिव)
- कां. काबुल सिंह
- कां. प्राण नाथ
- अन्य साथी मौजूद रहे।
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