विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन अदित्य देवीलाल ने अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिए काटी गई कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा
सिरसा में ओटू वियर की कैपेसिटी बढ़ाने और डबवाली में ऑटो मार्केट बनाने का मुद्दा उठाया
ध्यानाकर्षण पर सवाल पूछे : क्या 7 लाख रूपए से एक बस्ती में पक्की गलियां, पक्की नालियां, बिजली और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना संभव है? क्या सरकार की तरफ से इन बस्तियों के लिए पर्याप्त बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना जो 2008 में शुरू की गई लगभग 15 साल बाद भी यह योजना धरातल पर लागू क्यों नहीं की गई? क्या सभी पंचायतों में जल्द से जल्द कार्य करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है?
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 19 नवंबर। विधानसभा सत्र के चौथे और आखिरी दिन इनेलो द्वारा अदित्य देवीलाल की तरफ से दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को पढ़ते हुए इनेलो विधायक ने कहा कि वर्तमान बीजेपी और इनसे पहले रही कांग्रेस की सरकार ने विभिन्न आवास योजनाओं के तहत गरीब एवं अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिए 100-100 गज के प्लाट आवंटित कर गांवों और शहरों में काटी गई कॉलोनियों में बिजली, पानी, सडक़, स्कूल व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। ये प्लाट पंचायत की जमीन पर काटे गए हैं जो लगभग सभी जगह गांवों से काफी दूर है जिसके कारण उनको जरूरी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए दूर तक जाना पड़ता है। अत: इन कॉलोनियों में सरकार द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अदित्य देवीलाल ने सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि पिछले दस वर्षों में इस योजना के तहत लगभग 320 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया गया और महात्मा गांधी ग्राम बस्ती योजना के तहत लगभग 4573 कॉलोनियों को नियमित किया गया अर्थात प्रत्येक बस्ती के लिए लगभग 7 लाख रूपए आवंटित हुए। उनका सवाल है कि क्या 7 लाख रूपए से एक बस्ती में पक्की गलियां, पक्की नालियां, बिजली और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना संभव है? अगर नहीं तो इन बस्तियों के लोगों के साथ भेदभाव क्यों हो रहा है? क्या सरकार की तरफ से इन बस्तियों के लिए पर्याप्त बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है?
दूसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए अदित्य ने कहा कि यह बताया जाए कि महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना जो 2008 में शुरू की गई लगभग 15 साल बाद भी यह योजना धरातल पर लागू क्यों नहीं की गई? इसके क्या कारण रहे?
तीसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि जैसा उन्हें बताया गया कि अभी तक लगभग एक हजार ग्राम पंचायतों को इसके लिए चयनित किया गया है और अगर इस योजना की यही गति रही तो इस योजना के क्रियान्वयन में लंबा समय लग जाएगा। क्या इसे सभी पंचायतों में जल्द से जल्द करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है? अगर है तो उसका ब्यौरा सदन में दिया जाए?
अदित्य देवीलाल ने सत्र के दौरान ओटू वियर चैनल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सिरसा जिला में किसानों के लिए सबसे बड़ा पानी का स्त्रोत ओटू वियर है। इसकी कैपेसिटी 6 हजार क्यूजिक है। लेकिन हर साल बरसातों में लगभग 45 हजार क्यूजिक पानी इसमें आता है। यह किसानों के लिए पानी उनके खेतों तक पहुंचने का जरिया है। मेरी दरख्वास्त है कि ओटू चैनल की कैपेसिटी बढ़ाई जाए ताकि सिरसा जिला के हर गांव तक बरसाती पानी पहुंच सके। दूसरा, डबवाली में कोई ऑटो मार्किट नहीं है। हुड्डा की जमीन वहां है जिसमें ऑटो मार्केट बनाई जा सकती है।
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