आरक्षण नीति को लेकर जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन
कई राजनीतिक नेता और सैकड़ों छात्र आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आवास के बाहर एकत्र हुए हैं। इस नीति को इस वर्ष के प्रारंभ में उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने लागू किया था।
छात्रों के साथ अब्दुल्ला की अपनी पार्टी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) के सदस्य और सांसद रूहुल्लाह मेहदी भी मौजूद थे। रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने आरक्षण नीति में तर्कसंगतता की मांग को लेकर सीएम के आवासीय कार्यालय के बाहर गुपकार रोड पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
पीडीपी के विपक्षी नेता वहीद पारा और इल्तिजा मुफ्ती के साथ-साथ अवामी इतिहाद पार्टी के नेता शेख खुर्शी (इंजीनियर राशिद के भाई) भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं।
इन सबके अलावा अब्दुल्ला का बेटा भी मेहदी और छात्रों के साथ शामिल होने के लिए बाहर आ गया।
इस वर्ष के प्रारंभ में विधानसभा चुनावों से पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रस्तुत नीति में नौकरियों और प्रवेशों में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण प्रतिशत घटा दिया गया तथा आरक्षित श्रेणियों के लिए आरक्षण प्रतिशत बढ़ा दिया गया।
तत्कालीन प्रशासन ने पहाड़ी और तीन अन्य जनजातियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी थी, जिससे अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के तहत कुल आरक्षण 20 प्रतिशत हो गया था।
Kk
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