चंडीगढ़ में इमिग्रेशन फ्रॉड का गोरखधंधा: 550 से अधिक फर्जी कंपनियां, 2024 में 250 करोड़ की ठगी
कंपनियों के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, पुलिस ने कसा शिकंजा
विदेश मंत्रालय द्वारा 2024 में जारी लिस्ट के अनुसार, चंडीगढ़ में केवल 26 इमिग्रेशन कंपनियां ही अधिकृत
चंडीगढ़ पुलिस ने 415 इमिग्रेशन कंपनियों की जांच की
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 10 फरवरी। विदेश जाने का सपना देखने वालों के लिए चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्र इमिग्रेशन हब माने जाते हैं। हजारों युवा हर साल कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूरोप जाने की कोशिश में इमिग्रेशन कंपनियों का सहारा लेते हैं। लेकिन अब यह शहर इमिग्रेशन फ्रॉड का गढ़ बन चुका है। 550 से अधिक फर्जी इमिग्रेशन कंपनियां लोगों को ठगने का काम कर रही हैं, और 2024 में ही करीब 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी दर्ज की गई है।
पुलिस के मुताबिक, इमिग्रेशन फ्रॉड के मामले हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं। 2024 में 116 कंपनियों के खिलाफ 190 FIR दर्ज की गईं, जबकि मोहाली में 222 शिकायतों के आधार पर केस दर्ज हुए। इसके बावजूद ठगों का गिरोह नए-नए तरीकों से लोगों को गुमराह कर रहा है।
चंडीगढ़ पुलिस ने 415 इमिग्रेशन कंपनियों की जांच पूरी की, वेबसाइट पर अपडेट जारी
चंडीगढ़ पुलिस ने 27 जनवरी 2025 को शहर में संचालित 415 इमिग्रेशन कंपनियों की जांच पूरी कर उनकी विस्तृत जानकारी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट की है।
हालांकि, विदेश मंत्रालय द्वारा 2024 में जारी लिस्ट के अनुसार, चंडीगढ़ में केवल 26 इमिग्रेशन कंपनियां ही अधिकृत हैं। ऐसे में बाकी 389 कंपनियों की सत्यता और वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।
सत्यापन की प्रक्रिया:
चंडीगढ़ पुलिस के सेंट्रल डिवीजन ने सभी 415 कंपनियों की जांच कर संबंधित विभागों से रिपोर्ट प्राप्त की। अब पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए आगे की कार्रवाई कर रही है कि अवैध रूप से संचालित कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएं।
संभावित कार्रवाई:
अनधिकृत कंपनियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
विदेश मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियों से इन कंपनियों के लाइसेंस और प्रामाणिकता की दोबारा पुष्टि की जाएगी।
नागरिकों को सतर्क रहने और केवल अधिकृत कंपनियों से ही वीज़ा एवं इमिग्रेशन सेवाएं लेने की सलाह दी गई है।
चंडीगढ़ पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इमिग्रेशन सेवाएं लेने से पहले पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध सूची की जांच करें और किसी भी संदिग्ध कंपनी की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
कैसे होती है ठगी?
इमिग्रेशन फ्रॉड के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है। ये कंपनियां बड़े-बड़े विज्ञापन, सोशल मीडिया कैंपेन और लोकल अखबारों में फर्जी जॉब ऑफर देकर लोगों को लुभाती हैं।
झूठे वादे और आकर्षक ऑफर:
कनाडा PR, वर्क परमिट, स्टडी वीजा या यूरोप में नौकरी के झूठे दावे।
बिना IELTS या किसी परीक्षा के विदेश भेजने का लालच।
"100% वीजा गारंटी" जैसे फर्जी दावे।
बड़े पैमाने पर रकम वसूली:
एक व्यक्ति से 20 से 50 लाख रुपये तक वसूले जाते हैं।
शुरुआत में प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 2-5 लाख रुपये लिए जाते हैं।
फिर डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन और वीजा प्रोसेस के नाम पर और पैसे ऐंठे जाते हैं।
चक्कर कटवाना और फर्जी दस्तावेज:
वीजा लगने का झूठा भरोसा देकर महीनों तक कागजी कार्रवाई के नाम पर टालमटोल।
कुछ मामलों में नकली वीजा या फर्जी जॉब लेटर देकर लोगों को एयरपोर्ट तक पहुंचा देना।
जब ठगी का एहसास होता है, तब तक कंपनी के दफ्तर पर ताला लग चुका होता है।
पुलिस शिकायत होने पर सेटलमेंट का खेल:
जब कोई पीड़ित पुलिस में शिकायत करता है, तो आरोपी आधी रकम लौटाने का ऑफर देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करते हैं।
कई लोग लंबी कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए सेटलमेंट कर लेते हैं, जिससे ठगों का हौसला और बढ़ जाता है।
तीन महीने में 55 कंपनियों पर कसा शिकंजा
चंडीगढ़ पुलिस ने इमिग्रेशन फ्रॉड के खिलाफ तीन महीनों में 55 से अधिक कंपनियों पर कार्रवाई की है। जनवरी 2025 में ही 15 से ज्यादा कंपनियों पर केस दर्ज हुए।
सेक्टर-17, सेक्टर-34 और सेक्टर-26 में चल रही कई कंपनियों के दफ्तरों पर ताले लग चुके हैं और संचालक फरार हैं।
बिना पुलिस वेरिफिकेशन के चल रही 6 इमिग्रेशन कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज कर गिरफ्तारियां हुईं।
कई फर्जी कंपनियां नकली वेबसाइट बनाकर ऑनलाइन ठगी कर रही थीं, जिन्हें पुलिस ने ब्लॉक कराया है।
फर्जी कंपनियों का नेटवर्क और राज्यों में फैलाव
इमिग्रेशन फ्रॉड सिर्फ चंडीगढ़ तक सीमित नहीं है। यह गिरोह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी सक्रिय है।
कुछ गिरोह हर 6 महीने में ठगी कर नई जगह भाग जाते हैं और वहां नई इमिग्रेशन कंपनी खोल लेते हैं।
जालंधर, मोहाली, अमृतसर और पटियाला में भी कई केस दर्ज हुए हैं, जहां से ठगी के बाद आरोपी फरार हो चुके हैं।
हाल ही में मोहाली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जिसने 200 से ज्यादा लोगों से 30 करोड़ रुपये की ठगी की थी।
पुलिस का अलर्ट: ऐसे बचें इमिग्रेशन फ्रॉड से
चंडीगढ़ पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी इमिग्रेशन कंपनी से डील करने से पहले जांच-पड़ताल करने की अपील की है।
क्या करें:
✔ पुलिस वेरिफिकेशन और लाइसेंस: इमिग्रेशन कंपनी की पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट और सरकारी लाइसेंस चेक करें।
✔ किसी भी वीजा गारंटी के झांसे में न आएं: कोई भी कंपनी 100% वीजा गारंटी नहीं दे सकती।
✔ ऑनलाइन रिव्यू और शिकायतें चेक करें: कंपनी के बारे में Google, सोशल मीडिया और शिकायत पोर्टल पर रिव्यू देखें।
✔ पेमेंट सावधानी से करें: नकद देने से बचें और सभी पेमेंट्स के कानूनी दस्तावेज रखें।
✔ संदिग्ध कंपनी की सूचना पुलिस को दें: कोई भी संदिग्ध इमिग्रेशन कंपनी दिखे तो चंडीगढ़ पुलिस हेल्पलाइन या साइबर सेल में शिकायत करें।
क्या न करें:
❌ बिना रिसर्च के किसी भी कंपनी को पैसे न दें।
❌ नकली ऑफर्स और लो-कोस्ट वीजा स्कीम के झांसे में न आएं।
❌ केवल सोशल मीडिया विज्ञापनों के आधार पर भरोसा न करें।
निष्कर्ष: ठगी के खिलाफ सख्त कदम जरूरी
इमिग्रेशन फ्रॉड एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे हजारों लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस की हालिया कार्रवाई ने कुछ गिरोहों पर लगाम लगाई है, लेकिन ठगों का नेटवर्क अब भी सक्रिय है। इस गोरखधंधे को रोकने के लिए सख्त कानून, जनता की जागरूकता और पुलिस की तेज कार्रवाई की जरूरत है।
अगर इमिग्रेशन ठगी के शिकार हुए हैं या किसी संदिग्ध कंपनी की जानकारी है, तो चंडीगढ़ पुलिस हेल्पलाइन या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें।
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