Union Budget Discussion: विकसित भारत का रोडमैप है बजट 2025-26 : अनुराग सिंह ठाकुर
संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पर सामान्य चर्चा में अनुराग सिंह ठाकुर ने लिया हिस्सा
बाबूशाही नेटवर्क
10 फ़रवरी 2024, नई दिल्ली/हिमाचल प्रदेश। पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकससभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्रीय बजट 2025-26 पर सामान्य चर्चा में संसद में कहा कि यह बजट विकसित भारत का रोडमैप है और यह संकल्प से सिद्धि तक ले जाने वाला है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ मोदी है तो मुमकिन है और एक बार फिर ये बात सिद्ध हो गई जब इस बार के बजट में 12 लाख तक ज़ीरो टैक्स इस बजट में किया गया। मोदी सरकार ने 2047 तक सभी ग़रीबों को ग़रीबी रेखा से बाहर निकालने, शत प्रतिशत गुणात्मक शिक्षा देने, हर व्यक्ति को अच्छी स्वास्थ्य सेवा वो भी कम दामों पर देने, श्रमिकों का कौशल विकास व उन्हें उचित रोज़गार के अवसर देने, इकॉनॉमिक एक्टिविटी में 70% महिलाओं की भागीदारी, हमारे किसानों की मेहनत के दम पर भारत को दुनिया का फ़ूड बास्केट बनाने का लक्ष्य रखा है। विपक्ष को ग़रीब और मध्यम वर्ग से कोई लेना देना नहीं है और ये सिर्फ़ अपना घिसा-पिटा पुराना टेप रिकॉर्डर बजा रहे हैं”
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ यूपीए के समय स्कैम भारत था और आज मोदी जी के सेवाकाल में सक्षम भारत की बुलंद तस्वीर दुनिया देख रही है। कांग्रेस के समय बजट फ़ैमिली वेलफ़ेयर के लिए था मगर हमारे समय में नेशनल वेलफ़ेयर का बजट जारी होता है। इस बजट में प्रस्तावित विकास उपाय 10 व्यापक क्षेत्रों में हैं, जिनमें गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
हमने मिशन शक्ति ने वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से 10.61 लाख महिलाओं की सहायता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) ने जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) को 918 (2014-15) से बढ़ाकर 930 (2023-24) कर दिया, माध्यमिक विद्यालयों में लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 75.51% से बढ़कर 78% (2014-2024), प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) का वित्तपोषण
₹1,478.73 करोड़ (2021-22) से बढ़कर
₹1,814.86 करोड़ (2023-24), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 130 प्रति लाख जीवित जन्म (2014-16) से घटकर 97 (2018-20),
मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 से पूरे भारत में 9.88 करोड़ मातृशक्ति को लाभ मिला है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ एनडीए सरकार ने पिछले 10 वर्षों में युवाओं को यूपीए के एक दशक के शासन के मुकाबले 1.5 गुना अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं।यूपीए शासन के दौरान कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के तहत 256,405 नियुक्तियां की गईं, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार के तहत 511,775 नियुक्तियां की गई हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) के तहत पिछले 10 वर्षों में 492,605 नियुक्तियां की गईं, जबकि पिछली सरकार के दस साल के कार्यकाल में 411,624 नियुक्तियां की गई थीं। रोजगार मेलों में नई नियुक्तियों में महिलाओं की हिस्सेदारी पिछली सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों में 7-8% हिस्सेदारी की तुलना में 18-20% हो गई है। अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए निर्धारित बैकलॉग रिक्तियों पर की गई नियुक्तियों के संदर्भ में, पिछले 10 वर्षों में अनुमानित 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यूपीए द्वारा की गई 108,034 ऐसी नियुक्तियों की तुलना में एनडीए के तहत 293,475 नियुक्तियाँ की गई हैं।
ठाकुर ने कहा “ कृषि क्षेत्र में डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के तहत देशभर में डिजिटलीकरण के 94% लक्ष्य पहले ही हासिल किए जा चुके हैं। पीएमकेएसवाई के तहत, 47.46% सिंचाई परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं। 60 वर्ष से अधिक आयु के छोटे और सीमांत किसानों की मदद के लिए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएमकेएमवाई) शुरू की गई जिसमें अब तक 1.9 मिलियन से अधिक किसान पंजीकृत हो चुके हैं”। (SBP)
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