पंचकूला वनगर निगम में शामिल की गई पंचायत वासियों को भी मिले मालिकाना हक- विजय बंसल
हरियाणा सरकार ने कुछ समय पहले ही पंचायत की जमीन पर पिछले करीब 20 साल से बैठे लोगों को मालिकाना हक देने की की थी घोषणा
नगर निगम और नगर परिषद बाद में बना पंचायत की जमीन पर कई दशकों से रह रहे हैं सैकड़ो ग्रामीण
विजय बंसल की मुख्यमंत्री से मांग शहरी क्षेत्र में शामिल ग्रामीणों के लिए भी लागू करें योजना
रमेश गोयत
पंचकूला/पिंजौर 10 फरवरी।
हरियाणा सरकार ने हाल ही में ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत की जमीन पर पिछले 20 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे ग्रामीणों को मलिकाना हक देने की घोषणा की है। इसी विषय पर शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव विजय बंसल एडवोकेट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ज्ञापन भेजकर वर्ष 2010 में नगर निगम पंचकूला में शामिल किए गए पिंजौर, कालका, बरवाला क्षेत्र के ग्रामीणों को भी मालिकाना हक देने की योजना लागू करने की मांग की है।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि हरियाणा सरकार का ग्रामीण लोगों के लिए की गई उपरोक्त घोषणा की सराहना करते हुए कहा कि यदि सरकार द्वारा 20 वर्ष से पंचायत की जमीन में रह रहे ग्रामीणों को मालिकाना हक दिया जाता है तो ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में शामिल हुए सैकड़ो ग्रामीणों को भी उपरोक्त योजना का लाभ मिलना चाहिए जिनके गांव वर्ष 2010 में नगर निगम पंचकूला में शामिल किए गए थे और बाद में पिंजौर, कालका के गांवो को नगर परिषद कालका में शामिल किया गया है। विजय बंसल एडवोकेट ने ज्ञापन में कहा कि पिंजौर ब्लॉक की 27 पंचायतों के कई ग्रामीण ऐसे हैं जो पिछले कई दशकों से पंचायत की जमीन पर अपना आशियाना बनकर किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं l परन्तु सरकार की केवल पंचायतो में रहने वाले लोगों के लिए ही घोषणा की गई है फिर तो इस प्रकार से पिंजौर, कालका क्षेत्र में सैंकड़ों परिवार इस सुविधा को लेने से वंचित रह जाएंगे। विजय बंसल ने कहा कि कुछ यही समस्या बरवाला ब्लॉक की 15 पंचायत के लोगों के समक्ष भी पेश आ रही है वहां भी नगर निगम में शामिल हुई पंचायतो के निवासियों को भी सरकार की नई योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा उन्हें भी उनके मकान का मालिकाना हक मिलना चाहिए।
विजय बंसल एडवोकेट ने कहा कि सरकार ने कुछ दिन पूर्व ही नगर पालिका, नगर परिषद आदि स्थानीय शहरी निकाय विभाग की जमीनो पर 20 वर्षों से दुकान बनाकर व्यापार करने वाले व्यापारियों को भी मालिकाना हक देने की घोषणा की है उन्होंने कहा यदि व्यापारियों को मालिकाना हक दिया जा रहा है तो नगर परिषद की जमीन पर पिछले 50 से 100 वर्षों से मकान बनाकर रहने वालों को क्यों नहीं मालिकाना हक दिया जाना चाहिए।
विजय बंसल ने बताया कि मार्च 2010 को उस समय हरियाणा सरकार ने पिंजौर, कालका की नगर पालिकाओ को भंग कर पिंजौर ब्लॉक सहित बरवाला, रायपुर की कुल 42 पंचायतों को पंचकुला के साथ मिलाकर नगर निगम बनाया गया था जिसमे 27 पंचायते पिंजौर, कालका एरिया की थी। पंचायत के कार्यकाल में पंचायती जमीन पर बैठे इन परिवारों को भी जमीन का मालिकाना हक मिलना चाहिए, क्या इनको यह हक इसलिए नही मिलेगा क्योंकि वो अब नगर परिषद की जमीन में रह रहे हैं। जबकि यह लोग पुराने तो पंचायत कार्यकाल में पंचायती जमीन पर रह रहे थे इसलिए इन्हें भी मालिकाना हक मिलना चाहिए। विजय बंसल एडवोकेट नहीं कहा कि कालका विधानसभा क्षेत्र मैं अधिकतर लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं विशेष कर गांव में रहने वाले गरीब ग्रामीणों के पास जमीन खरीदने तक के लिए पैसे नहीं थे और कई जरूरतमंद लोगों को खुद ग्रामीणों ने और पंचायत ने अपने गांव में ऐसे लोगों को आवास बनाने दिया। उन्होंने बताया कि शिवालिक क्षेत्र वैसे भी प्रदेश के अन्य जिलों से काफी पिछड़ा हुआ है यहां पर रोजगार के साधन भी बहुत कम हैं। इसलिए पहले पंचायत सेअब नगर परिषद में शामिल हुई पंचायत की जमीन पर रहने वाले लोगों को भी उक्त योजना में शामिल किया जाए।
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