डीजीएचएस डाॅ मनीष बंसल ने मुख्यातिथि के रूप में एनसीडी कार्यशाला का किया शुभारंभ
बंसल ने एनसीडी की रोकथाम के सभी चरणों पर कार्य कर समाज को स्वस्थ और मजबूत बनाने पर दिया बल
-एनसीडी रोकथाम के लिए समय समय पर होता रहेगा कार्यशाला का आयोजन-डाॅ बंसल
बाबूशाही ब्यूरो
पंचकूला, 11 फरवरी- महानिदेशक स्वास्थ्य एवं सर्विसिज डाॅ. मनीष बंसल ने मुख्यातिथि के रूप में एनसीडी रोकथाम के लिए आज लोक विश्राम गृह सेक्टर-1 में राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने एनसीडी के रोकथाम, निदान और प्रबंधन जैसे सभी चरणों पर गंभीरता से कार्य कर समाज को स्वस्थ और मजबूत बनाने पर बल दिया।
इस अवसर पर डीजीएचएस डाॅ कुलदीप सिंह ने विशिष्ठ अतिथि और डाॅ. कुलदीप सिंह गौरी निदेशक एनसीडी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यशाला में शिरकत की।
उन्होंने बताया कि भारत में स्वास्थ्य प्रणालियाँ, बदलती स्वास्थ्य जरूरतों और बीमारियों के बोझ के साथ तालमेल बिठाते हुए विकसित हो रही हैं, जिसमें गैर-संचारी रोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण के महत्व को समझते हुए, स्वास्थ्य परिणामों में सुधार और सतत विकास लक्ष्यों के तीन स्तंभों - आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण को प्राप्त करने में मदद करता है, इसे सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक आवश्यक कदम माना गया है।
उन्होंने कहा कि परिवारजनो की स्वास्थ्य जागरूकता संचार में शामिल करना, व्यवहार परिवर्तन को प्रेरित करने और बनाए रखने में भूमिका महत्वपूर्ण है, और 2025 तक गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से वैश्विक स्तर पर समय से पहले मौतों को 25 प्रतिशत तक कम करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने में मदद करता है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने ये जाना है, कि परिवारिक स्वास्थ्य शिक्षा राज्य के लिए सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। हरियाणा सरकार राज्य की रोकथाम और उपचारात्मक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को हल करने के लिए अभिनव दृष्टिकोण अपनाने में अग्रणी है। स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है केयर कंपैनियन प्रोग्राम हरियाणा राज्य की एक अनोखी पहल है, जिसका उद्देश्य परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और कौशल प्रदान करना है, जिससे वे अपने स्वास्थ्य परिणामों में सुधार कर सकें।
उन्होंने बताया कि एनसीडी में वे अपने सहयोगी नूरा हेल्थ का स्वागत करते हैं, जो इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं और इस कार्यक्रम को पूरे राज्य में लागू करने में हमारी मदद कर रहे है। अब, यह कार्यक्रम गैर-संचारी रोगों के क्षेत्र में भी विस्तारित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि यह कार्यक्रम पूरे राज्य में सभी जिला अस्पतालों, उप-जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचे, जिससे हम एनसीडी कार्यक्रम के तहत 188 स्वास्थ्य सुविधाओं को कवर कर सकें।
उन्होंने बताया कि केयर कंपैनियन प्रोग्राम (सीसीपी) का मुख्य उद्देश्य है रोगी को घर वापस आने के बाद उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका प्रदान करना है। इसमें एनसीडी के सभी चरणों - रोकथाम, निदान और प्रबंधन - को शामिल किया गया है, इसमें अस्पतालों में प्रदर्शित और सीसीपी सत्रों के दोरान उपयोग किए जाने वाले सक्रिय और निष्क्रिय टूल का एक सेट शामिल है, जो सामान्य स्वास्थ्य देखभाल पोस्ट-सर्जरी वाउंड केयर, संक्रमण, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय देखभाल आदि पर केंद्रित हैं। कार्यक्रम के तहत, एनसीडी क्लिनिक को भी सत्रों में सम्मिलित किया गया है, ताकि रोगियों को विशेष देखभाल और मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की मन्शा है कि इस कार्यक्रम को उन समुदायों तक पहुंचाया जाए जो इसके सबसे अधिक हकदार हैं, हम सबको मिलकर इस बदलाव पर काम करना होगा और समाज को स्वस्थ और मजबूत बनाना होगा। आज इस कार्यशाला में पूरे राज्य के हर जिले से डिस्टिक प्रोग्राम कोर्डिनेटर, फिजिशियन और अन्य 66 लोगों की टीम ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि एनसीडी केयर कंपैनियन प्रोग्राम का समय समय पर आगे भी आयोजन किया जाएगा ताकि रोगियों के साथ साथ अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित व शिक्षित किया जा सके।
इस अवसर पर एनसीडी के उप निदेशक डाॅ ओमपाल सैनी,एनसीडी के प्रोग्राम अधिकारी डाॅ. गरीश अत्री, डाॅ. रेखा सिंह स्टेट कंसलटेंट, डाॅ ममता,एनसीडी के केयर कंपेंनिग के प्रोजैक्ट आॅफिसर डाॅ अनिता और डाॅ अभिषेक जैन भी उपस्थित थे।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →