पंचकूला: 78 लाख की मस्टिक डामर घोटाले की जांच अधर में, नगर निगम और PMDA पर उठे सवाल
नगर निगम पंचकूला की लापरवाही से जनता परेशान, टूटी सड़कों और गड्ढों से हर दिन जोखिम में लोग
रमेश गोयत
पंचकूला, 20 फ़रवरी। नगर निगम पंचकूला ने 2022 में सेक्टर 10/11/14/15 और 12/12A/11/14 चौकों पर 78 लाख रुपये की लागत से एस्फाल्ट मस्टिक डामर का काम करवाया था। लेकिन यह मस्टिक सड़क बनते ही टूटने लगी और कुछ महीनों में पूरी तरह से खराब हो गई। इसके बावजूद नगर निगम ने दिसंबर 2022 में काम पूरा होने की रिपोर्ट दे दी।
ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं, न ही पैसे की रिकवरी
ठेकेदार को जून और जुलाई 2023 में नगर निगम ने चिट्ठी लिखकर बताया कि काम अधूरा भी है और खराब भी। लेकिन इसके बावजूद न तो ठेकेदार से पूरी जगह पर दोबारा काम करवाया गया और न ही 78 लाख रुपये की रिकवरी की गई। इससे स्पष्ट है कि नगर निगम और ठेकेदार की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया।
नगर निगम ने जांच से किया इनकार, रिकॉर्ड तक नहीं दिए
विकास मंच पंचकूला ने इस घोटाले पर नगर निगम पंचकूला को कई बार पत्र लिखे, लेकिन किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। नगर पंचायत परिषद पंचकूला द्वारा जब इस घोटाले की जांच की गई तो नगर निगम के अधिकारियों ने एक चौक का रिकॉर्ड तक उपलब्ध नहीं कराया। कहा गया कि रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
डिप्टी कमिश्नर को भी शिकायत, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
नगर पंचायत परिषद पंचकूला ने इस पूरे मामले को डिप्टी कमिश्नर पंचकूला के संज्ञान में भी लाया, लेकिन न तो सड़क की दोबारा मरम्मत करवाई गई और न ही पैसे की रिकवरी हुई।
PMDA के अधिकारी भी चुप, सालों से जनता को हो रही परेशानी
अब यह मामला PMDA को ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन PMDA के अधिकारी भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। नगर निगम कमिश्नर से भी इस मामले में मरम्मत की मांग की गई, लेकिन उन्होंने गड्ढों और टूटी सड़क की जानकारी से अनभिज्ञता जताई।
सड़कें खस्ताहाल, जनता का कोई सुनने वाला नहीं
डेढ़-दो साल से ये गड्ढे और टूटी सड़कें उसी हालत में पड़ी हैं। टू-व्हीलर चालकों को गड्ढों से खतरा है, वहीं फोर-व्हीलर चालकों के सस्पेंशन और एलाइनमेंट खराब हो रहे हैं। क्या पंचकूला में कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जाएगी?
राइट टू सर्विस कमीशन की सुनवाई टली, अब आगे क्या?
इस मामले में नगर निगम पंचकूला और PMDA को 20 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के जरिए राइट टू सर्विस कमीशन के सामने पेश होना था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब आगे कमीशन कब VC करता है या साइट विजिट करता है, इसका जवाब आने पर ही स्थिति स्पष्ट होगी। देखना होगा कि 17 फरवरी को नगर निगम और PMDA ने कमीशन को क्या जवाब दिया।
जनता का पैसा बर्बाद, लेकिन कोई जिम्मेदार नहीं!
78 लाख रुपये का घोटाला खुलने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है और अधिकारी चुप हैं। क्या अब कोई इस घोटाले पर कार्रवाई करेगा या इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
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