प्रदेश में गहराएगा पेयजल संकट, टेल तक पानी पहुंचने से पहले ही बंद हो जाएगी नहरें: कुमारी सैलजा
नहरों की साफ-सफाई और मरम्मत पर दिया होता ध्यान तो टेल तक पहुंचता पानी
ग्रामीण क्षेत्रों में 500 से 800 रुपए तक में एक टैंकर पानी खरीदने को मजबूर है लोग
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 28 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में पेयजल संकट गहरा रहा है। सिरसा, फतेहाबाद, सोनीपत, झज्जर, जींद, हिसार, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़-नारनौल जैसे जिले में हालात गंभीर चले हुए है। पिछले दिनों भाखड़ा नांगल बांध से पंजाब की ओर से नहरों में पानी छोड़ दिया गया है लेकिन इस पानी की समय सीमा कम हैै ऐसे में टेल तक पानी पहुंचने से पहले ही नहर बंद हो जाएगी। अगर सरकार ने पहले ही नहरों की साफ सफाई और उनकी मरम्मत पर ध्यान दिया होता तो अंतिम छोर पर भी पानी पहुंच गया होता। दूसरे सरकार को पीने के पानी के साथ साथ सिंचाई के लिए भी व्यवस्था करनी चाहिए थी।
सांसद कुमारी सैलजा ने 27 मार्च को सिरसा जिले, विशेषकर ऐलनाबाद-रानियां क्षेत्र के गांवों में उत्पन्न हो रही पीने के पानी की गंभीर समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि सिरसा जिले को पानी आपूर्ति करने वाली नहरों की सफाई और मरम्मत कराई जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट न उत्पन्न हो। कुमारी सैलजा ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी देने के बावजूद नहरों की न तो समय पर सफाई करवाई गई, न मरम्मत कराई गई, और अब नहरों में कुछ दिन के लिए पानी छोड़ा गया है पर वह जब तक टेल पर पहुंचेगा नहर बंद कर दी जाएगी। ऐसे में सिरसा जिले के सैकडों गांवों में पीने के पानी का भयंकर संकट खड़ा हो सकता है। कुमारी सैलजा ने कहा हैै कि प्रदेश के 14 जिले अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत और जींद जिले डार्क जोन में हैं, यानि पानी का स्तर बहुत कम हो गया है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में नहरों और ट्यूबवेलों से पानी की आपूर्ति होती है, लेकिन अब पानी की कमी के कारण लोगों को टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ रहा है, कई गांवों में पीने के पानी की समस्या बहुत गंभीर है। कई लोग पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं। फतेहाबाद जिले में पेयजल संकट लगातार गहराने लगा है। खासकर, ग्रामीण इलाकों में लोगों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। शहर में जहां ट्यूबवेल के पानी की सप्लाई हो रही है, वहीं गांवों में तो दो से तीन दिन में एक बार सप्लाई छोड़ी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कही 500 रुपए तो कहीं 800 रुपए तक में भी एक टैंकर पानी भेजा जा रहा है। इस बार पंजाब से नंगल डैम के जरिए हरियाणा को पानी कम मिला है। सरकार को पंजाब सरकार के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखना चाहिए।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →