चंडीगढ़ में बैंक धोखाधड़ी का मामला: महिला के खाते से ₹8 लाख की धोखाधड़ी, पुलिस जांच जारी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 27 अप्रैल 2025: चंडीगढ़ के सेक्टर 39 निवासी एक महिला ने साइबर क्राइम थाना में एक गंभीर बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है, जिसमें उनके फिक्स्ड डिपॉजिट खाते से ₹8 लाख की धोखाधड़ी की गई है। महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे अपने मोबाइल फोन पर एक संदिग्ध संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि उसके बैंक खाते से ₹2 लाख डेबिट हो गए हैं।
शुरुआत में महिला को यह संदेश एक गलती जैसा लगा और उसने इसे नजरअंदाज कर दिया। लेकिन बाद में जब वह और उनके पति बैंक गए, तो उन्हें दो और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मिले, जिनसे यह साफ हुआ कि उनके फिक्स्ड डिपॉजिट खाते से ₹8 लाख की धोखाधड़ी से निकासी की गई थी। यह राशि मूल रूप से 2026 में परिपक्व होने वाली थी, लेकिन अब उसे धोखाधड़ी के द्वारा निकाल लिया गया था।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके फिक्स्ड डिपॉजिट खाते से अनधिकृत तरीके से पैसे निकालने के अलावा, अन्य भी कई संदिग्ध गतिविधियाँ हुई हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि उनका खाता साइबर अपराधियों के द्वारा हैक किया गया था। महिला के अनुसार, बैंक के अधिकारियों ने भी उन्हें जानकारी दी कि फिक्स्ड डिपॉजिट से पैसे की निकासी के लिए बिना उनके अनुमति के कई प्रक्रियाएं पूरी की गईं।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने मामले को गंभीरता से लिया है और धारा 319(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2), 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में साइबर अपराधियों की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच में समय लग सकता है, क्योंकि इसमें साइबर ट्रेसिंग की आवश्यकता है और बैंकिंग ट्रांजेक्शंस की पूरी जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम इस धोखाधड़ी के मामले में सभी तकनीकी पहलुओं की जांच कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को गिरफ्तार कर न्याय के दायरे में लाया जाए। हम संबंधित बैंक से भी सारी जानकारी जुटा रहे हैं और साथ ही, यह भी जांच रहे हैं कि कहीं बैंक के कर्मचारियों का कोई आपराधिक कनेक्शन तो नहीं है।”
महिला और उसके पति ने साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और साथ ही यह भी कहा कि इस प्रकार के अपराधों से नागरिकों की सुरक्षा और उनके बैंकिंग ट्रांजेक्शंस की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। महिला ने अपनी शिकायत में कहा, "मैंने कई बार बैंक से मदद मांगी, लेकिन मेरा विश्वास धीरे-धीरे टूटता जा रहा है। अब मैं चाहती हूं कि मेरी राशि वापस मिले और इस अपराध में शामिल सभी आरोपियों को सजा मिले।"
इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने दूसरी जांच एजेंसियों से भी मदद लेने की बात कही है ताकि किसी भी प्रकार के फर्जी बैंकिंग टूल्स और धोखाधड़ी वाले सॉफ़्टवेयर का पता लगाया जा सके, जो इस धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए हो सकते हैं।
इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराधियों की तरफ से अब और अधिक खतरनाक तरीके से लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, और अब जरूरत है कि सभी बैंक और वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बेहतर कदम उठाएं। साथ ही, ग्राहकों को भी ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मामला अभी भी जांच के तहत है और पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही आरोपियों का पता लगाकर उन्हें पकड़ेंगे।
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