PGIMER ने नई इंस्टीट्यूट बॉडी (IB) का गठन किया, प्रशासनिक और वित्तीय ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 28 अप्रैल 2025:
चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) ने अपनी नई इंस्टीट्यूट बॉडी (IB) का गठन किया है, जो अब संस्थान के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने के लिए जिम्मेदार होगी। इस कदम का उद्देश्य PGI के प्रशासनिक, कार्य संचालन और वित्तीय ढांचे को और अधिक मजबूती प्रदान करना है, ताकि संस्थान की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी और सुसंगत बनाया जा सके।
PGI चंडीगढ़ की नई इंस्टीट्यूट बॉडी (IB) में कुल 15 सदस्य होंगे, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख विशेषज्ञ, चिकित्सक, और प्रबंधन के जानकार शामिल हैं। इस बॉडी का गठन संस्थान के कार्यों को अधिक सुव्यवस्थित और सशक्त बनाने के लिए किया गया है, ताकि यह भारतीय चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में अपना प्रमुख स्थान बनाए रख सके।
नई बॉडी में शामिल होने वाले कुछ प्रमुख नामों में डॉ. के विजय राघवन का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। डॉ. राघवन, जो प्रधानमंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार रह चुके हैं, एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं और उनके अनुभव से PGI को रणनीतिक दृष्टिकोण और नवाचार में मदद मिलेगी। उनकी विशेषज्ञता से संस्थान के कार्यों में नए आयाम जुड़ने की संभावना है।
इसके अलावा, डॉ. निखिल टंडन, जो एक प्रसिद्ध चिकित्सक और चिकित्सा क्षेत्र में माने जाने वाले विशेषज्ञ हैं, भी इस बॉडी का हिस्सा होंगे। उनकी विशेषज्ञता से PGI को चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा में और भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
संस्थान के प्रमुख अधिकारियों और चिकित्सकों का मानना है कि यह नई संस्था PGI को और अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासनिक ढांचे के तहत कार्य करने में सक्षम बनाएगी। साथ ही, इस बॉडी की सहायता से संस्थान की वित्तीय कार्यप्रणाली भी मजबूत होगी, जिससे शोध कार्य और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
PGI चंडीगढ़, जो भारतीय चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का एक प्रमुख केंद्र है, इस कदम के माध्यम से अपने उच्च मानकों को और अधिक मजबूती देने का प्रयास कर रहा है। नई इंस्टीट्यूट बॉडी का गठन एक रणनीतिक कदम है, जिससे PGI की कार्यप्रणाली को और अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जाएगा, और यह संस्थान भविष्य में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में और भी अधिक योगदान दे सकेगा।
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