सीजीसी लांडरां ने एआईसीटीई-एटीएएल स्पॉन्सर्ड फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया
सीजीसी लांडरां के चंडीगढ़ बिजनेस स्कूल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (सीबीएसए) ने "हरनेसिंग आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस - गाइड फॉर एडुकेटर्स एंड रिसर्चर्स" विषय पर एक सप्ताह लंबे ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया। इस एफडीपी को एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग अकादमी (एटीएएल) द्वारा स्पोंसर किया गया था। इस कार्यक्रम में सीबीएसए, सीजीसी लांडरां के 40 से अधिक फैकल्टी मेंबर्स ने भाग लिया। इस एफडीपी का उद्देश्य शिक्षकों और रिसर्चर्स में एआई साक्षरता को बढ़ाना था, जिससे वे शिक्षण और शोध के क्षेत्र में एआई का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त कर सकें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य थेओरेओटिकाल एआई कॉन्सेप्ट्स और उनके प्रैक्टिकल ऍप्लिकेशन्स के बीच के गैप को खत्म करना था जिससे प्रतिभागियों को आवश्यक एआई ज्ञान से सुसज्जित किया जा सके और इनोवेशन एवं एआई-संचालित शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा सके। एआई टूल्स के उपयोग से टीचिंग और रिसर्च मेथड्स में उन्नत होने के साथ-साथ, इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को एआई फ्रेमवर्क, एल्गोरिदम और उनके वास्तविक जीवन में अनुप्रयोगों का व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, एकेडेमिक्स और इंडस्ट्री क्षेत्रों में एआई प्रैक्टिसेज पर भी चर्चा की गई। सीजीसी लांडरां के सीबीएसए की डायरेक्टर प्रिंसिपल, डॉ. रमणदीप सैनी ने एजुकेशन और रिसर्च पर एआई के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर देते हुए, शिक्षकों के लिए अपने शिक्षण और शोध कार्य में एआई-संचालित विधियों को एकीकृत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। सप्ताह भर चले इस एफडीपी के दौरान आयोजित सेशंस में सीजीसी के फैकल्टी मेंबर्स को एआई के फंडामेंटल्स, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग और एआई अपनाने में नैतिक विचारों से परिचित कराया गया। विशेष रूप से, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में एआई की भूमिका पर जोर दिया गया, जहां इसे व्यक्तिगत शिक्षण (पर्सनलाइज्ड लर्निंग) और चिकित्सा निदान (मेडिकल डायग्नोस्टिक्स) में इसकी संभावनाओं को प्रदर्शित किया गया। इस एफडीपी में एकेडेमिक्स और इंडस्ट्री जगत के अनुभवी एक्सपर्ट्स का व्यापक और ज्ञानवर्धक योगदान रहा। उन्होंने एआई-संचालित डेटा विश्लेषण तकनीकों, साइबर सिक्योरिटी ऍप्लिकेशन्स तथा रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में इनोवेशन जैसे विषयों पर चर्चा की। भाग लेने वाले फैकल्टी मेंबर्स ने हैंड्स-ऑन सेशंस में भाग लिया, जहां उन्होंने एआई टूल्स और फ्रेमवर्क के व्यावहारिक उपयोग का अनुभव प्राप्त हुआ। इस एफडीपी के प्रमुख वक्ताओं में डॉ. कामिनी, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोग्राम इंस्ट्रक्टर, एसएआईटी, कनाडा और मि. गुरप्रीत सिंह, सीनियर क्यूए मैनेजर, क्यूएसोर्स, कनाडा शामिल थे, जिन्होंने एआई के विकसित होते परिदृश्य और एआई-संचालित नवाचारों पर गहन दृष्टिकोण साझा किया। इसके अलावा, सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स जैसे मि. रोहित सोनी (सेल्स हेड, सीएसबी सोलूशन्स), मि. नवनीत सिंह (मार्केटिंग हेड, टेकलाइव सोलूशन्स), सुश्री नीरू जुनेजा (सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जेपी मोर्गन चेस एंड कंपनी), डॉ. गुरप्रीत कौर (एसोसिएट प्रोफेसर, एसजीजीसी कॉलेज), और डॉ. संदीप कौशल (मैनेजिंग पार्टनर, सिक्योर हैक) ने विभिन्न क्षेत्रों में एआई के प्रैक्टिकल ऍप्लिकेशन्स पर गहराई से चर्चा की। इन एक्सपर्ट्स के सामूहिक अनुभव ने प्रतिभागियों को एआई के फंडामेंटल्स, अडवांसमेंट्स और बेस्ट प्रैक्टिस की गहरी समझ प्रदान की। इस एफडीपी ने सीजीसी लांडरा के फैकल्टी मेंबर्स को सशक्त बनाया। उन्हें एआई-आधारित शिक्षण और रिसर्च मेथोडोलोजिज़ से परिचित कराया गया, जिससे एआई-संचालित अनुसंधान में बहु-विषयक सहयोग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, इस कार्यक्रम ने एआई टूल्स केहैंड ऑन एक्सपोज़र का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किया, जिससे फैकल्टी मेंबर्स अपने शिक्षण और शोध कार्य में एआई का प्रभावी उपयोग कर सकेंगे।
Kk
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