शिक्षकों की कमी से जूझ रहे है हरियाणा के सरकारी स्कूल: कुमारी सैलजा
पलवल, सिरसा, अंबाला औैर फरीदाबाद में शिक्षकों की भारी कमी
कहा- प्रदेश में करीब 500 सरकारी स्कूल चल रहे हैं बिना टीचर के
शिक्षा विभाग के लगभग 5,000 नॉन टीचिंग स्टॉफ के पद खत्म करने की तैयारी
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 16 मार्च।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा का ढांचा बुरी तरह से चरमरा गया है, एक ओर जहां सरकार नई शिक्षा नीति लागू करने की बात कर रही है वहीं प्रदेश के करीब 500 सरकारी स्कूलों में हजारों शिक्षकों की कमी है, पलवल, सिरसा, अंबाला औैर फरीदाबाद में शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। नियमित अध्यापक रखने के बजाए कम वेतन पर एचकेआरएन के माध्यम से नियुक्तियां की जा रही है। यह सरकारी बेरोजगारों के साथ ही नहीं देश के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। दूसरी ओर सरकार शिक्षा विभाग के लगभग 5,000 नॉन टीचिंग स्टॉफ के पद सुप्रिटेंडेंट, वाईस सुप्रिटेंडेंट, स्टेनोग्राफर, स्टेनो, टाइपिस्ट, सहायक, सांख्यिकी सत्यापक, ड्राइवर, लैब अटेंडेंट और क्लर्क सहित कई पदों को खत्म करने की तैयारी कर रही है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की ओर से सदन में जो आंकड़े पेश किए है उसमें माना है कि सरकारी स्कूलों में करीब 15659 शिक्षकों की कमी है, कुल 115325 पदों में से 99666 पद ही भरे हुए बताए जा रहे है। इनमें 80640 नियमित, 11616 अतिथि अध्यापक और 7110 एचकेआरएन के तहत कार्यरत है। इस समय सबसे ज्यादा पलवल में 1484, सिरसा में 1154, अंबाला में 1183 और फरीदाबाद में 1090 शिक्षकों की कमी है। इसके साथ ही कैथल, करनाल, कुरूक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पंचकूूला, पानीपत, रेवाडी, रोहतक, सोनीपत और नूंह-मेवात में शिक्षकों की कमी है। हरियाणा में 487 ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां एक भी टीचर नहीं है। इसका खुलासा हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा किए गए रेशनेलाइजेशन कैंपेन की सहायता से हुआ है। प्रदेश में 487 सरकारी स्कूल बिना टीचर के चल रहे हैं। इसके अलावा 294 स्कूलों में स्टूडेंट्स का दाखिला नहीं हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि टीचरों के पदों पर फिर से भर्ती होने के बाद भी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 2,262 टीचर्स की कमी है। इसके अलावा स्टूडेंट्स का अनुपात केवल 28:1 है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक यमुनानगर में 79 स्कूल ऐसे हैं जो जहां टीचर नहीं है। इसके बाद पंचकूला में 45 और कुरुक्षेत्र में 34 बिना टीचर वाले स्कूल हैं। इसके अलावा यमुनानगर में बिना स्टूडेंट वाले 32 स्कूल हैं। उसके बाद अंबाला में 22 और हिसार में 17 स्कूल हैं। प्रदेश में 1,095 स्कूलों में 20 से कम स्टूडेंट हैं। यमुनानगर में 132 स्कूल ऐसे हैं जहां पर 20 से कम स्टूडेंट हैं। इसी तरह पंचकूला में 64 और करनाल में 62 ऐसे स्कूल हैं।
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हरियाणा में भाजपा सरकार 5,000 सरकारी नौकरियां ख़त्म करने पर उतारू
कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024 के अपने जुमलापत्र यानि संकल्प पत्र में 22 लाख पक्की सरकारी नौकरियों का झांसा देने वाली भाजपा का चेहरा बेनकाब हो रहा है, नई नौकरियां देना तो दूर अब तो प्रदेश में 5,000 सरकारी नौकरियां ख़त्म करने पर उतारू है। शिक्षा विभाग के लगभग 5,000 नॉन टीचिंग स्टॉफ के पद, हमेशा के लिए ख़त्म करने का रास्ता तैयार कर रही है। इनमें सुप्रिटेंडेंट, वाईस सुप्रिटेंडेंट, स्टेनोग्राफर, स्टेनो, टाइपिस्ट, सहायक, सांख्यिकी सत्यापक, ड्राइवर, लैब अटेंडेंट और क्लर्क सहित कई पद शामिल है। भाजपा सरकार हरियाणा के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को पहले ही चौपट कर चुकी है और अब नौकरी के अवसर भी ख़त्म करने में लग हुई है।
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