चंडीगढ़ नगर निगम में पानी की आपूर्ति और बिलिंग में बड़ा हेरफेर, 33 करोड़ लीटर पानी गायब!
जल वितरण और बिलिंग में भारी अंतर, निगम को करोड़ों का राजस्व नुकसान
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 16 मार्च। नगर निगम (एमसी) की जल आपूर्ति और बिलिंग प्रणाली में बड़ी अनियमितता सामने आई है। हाल ही में हुए एक ऑडिट में पाया गया कि पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में चंडीगढ़ में 33.34 मिलियन किलोलीटर (यानी 33 करोड़ लीटर से अधिक) पानी की आपूर्ति तो हुई, लेकिन इसकी बिलिंग नहीं हुई। यह पानी कहां गया और इसका पैसा क्यों नहीं वसूला गया, इस पर नगर निगम के पास कोई जवाब नहीं है।
प्रसिद्ध समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट आर. के. गर्ग ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत जानकारी हासिल कर यह उजागर किया कि चंडीगढ़ नगर निगम (एमसी) की जल आपूर्ति और बिलिंग प्रणाली में भारी गड़बड़ियां हैं। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में चंडीगढ़ में 33.34 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति तो हुई, लेकिन इसकी बिलिंग नहीं की गई।
आरटीआई से सामने आए अहम तथ्य
2023-24 में कुल जल आपूर्ति: 198.05 करोड़ लीटर
बिल किया गया पानी: 164.70 करोड़ लीटर
गायब पानी: 33.34 करोड़ लीटर
आर. के. गर्ग ने आरोप लगाया कि नगर निगम की लापरवाही और अनियमितताओं के कारण न केवल चंडीगढ़ में जल संकट गहराता जा रहा है, बल्कि इससे नगर निगम को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है।
आर. के. गर्ग ने नगर निगम से जवाब मांगा
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के आधार पर, गर्ग ने नगर निगम से कई सवाल किए:
33 करोड़ लीटर पानी का क्या हुआ?
क्या यह पानी लीकेज से बर्बाद हुआ या अवैध कनेक्शनों में गया?
गैर-मीटरयुक्त कनेक्शनों की सही संख्या क्या है?
नगर निगम अब तक इस अनियमितता पर चुप क्यों है?
नगर निगम को हो रहा करोड़ों का नुकसान
अगर इस पानी की सही बिलिंग होती, तो नगर निगम को करोड़ों रुपये की आमदनी होती। लेकिन अनियमितताओं के कारण एमसी को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
कितना पानी सप्लाई हुआ और कितना बिल हुआ?
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में चंडीगढ़ नगर निगम ने कुल 198.05 मिलियन किलोलीटर (लगभग 198 करोड़ लीटर) पानी की आपूर्ति की। लेकिन इसमें से केवल 164.70 मिलियन किलोलीटर (164 करोड़ लीटर) पानी की ही बिलिंग हुई। यानी 33.34 मिलियन किलोलीटर (33 करोड़ लीटर से ज्यादा) पानी का कोई हिसाब नहीं है।
वर्ष पानी की कुल आपूर्ति (किलोलीटर) बिल किया गया पानी (किलोलीटर) गायब पानी (किलोलीटर)
2023-24 198.05 करोड़ लीटर 164.70 करोड़ लीटर 33.34 करोड़ लीटर
घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को कितनी आपूर्ति हुई?
घरेलू उपभोक्ताओं को: 67.05 मिलियन किलोलीटर (67 करोड़ लीटर)
व्यावसायिक उपभोक्ताओं को: 14.86 मिलियन किलोलीटर (14.86 करोड़ लीटर)
इतना पानी कहां गया?
ऑडिट में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस 33 करोड़ लीटर पानी का क्या हुआ। लेकिन इसके पीछे ये संभावित कारण हो सकते हैं:
लीकेज और पाइपलाइन की खराबी: चंडीगढ़ की पुरानी पाइपलाइनों में बड़े पैमाने पर लीकेज होता है, जिससे पानी बर्बाद होता है।
गैर-मीटरयुक्त और अवैध कनेक्शन: कई घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में गैर-मीटरयुक्त और अवैध कनेक्शन हैं, जिससे पानी की सही गणना नहीं हो पाती।
मीटर रीडिंग में गड़बड़ी: कई मामलों में मीटर सही से काम नहीं करते या रीडिंग दर्ज करने में लापरवाही होती है।
बिलिंग में अनियमितता: एमसी की जल बिलिंग प्रणाली में खामियां होने के कारण सही बिलिंग नहीं की जाती।
नगर निगम को हो रहा है बड़ा राजस्व नुकसान
अगर इस 33 करोड़ लीटर पानी की सही बिलिंग होती, तो नगर निगम को करोड़ों रुपये की आमदनी होती। लेकिन अनियमितताओं के कारण एमसी को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
नगर निगम से जवाब तलब, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं
ऑडिट रिपोर्ट सामने आने के बाद नगर निगम से इस अनियमितता पर जवाब मांगा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
आगे की कार्रवाई क्या होगी?
सभी जल कनेक्शनों को मीटरयुक्त किया जाएगा।
लीकेज और पाइपलाइन मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
डिजिटल मीटर रीडिंग और बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा।
अवैध कनेक्शनों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चंडीगढ़ नगर निगम को इस गड़बड़ी को जल्द से जल्द सुधारने की जरूरत है। अगर सही कदम उठाए जाएं, तो न केवल पानी की बर्बादी रुकेगी, बल्कि एमसी के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है।
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