चंडीगढ़: चार्टर्ड अकाउंटेंट बिरादरी ने आगामी बजट पर की चर्चा, करदाता राहत और शिक्षा सुधार की उम्मीदें
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 22 जनवरी। ट्राईसिटी के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने आगामी केंद्रीय बजट 2025 पर विचार-विमर्श किया। चर्चा में सीए रचित गोयल, तरुण बसराल, विशाल पुरी और प्रीतिश गोयल जैसे प्रमुख नाम शामिल रहे। विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पेश होने वाले तीसरे कार्यकाल के बजट को लेकर बड़ी उम्मीदें जताईं।
मुख्य चर्चाएं:
1. कर सुधार और न्यू टैक्स रिजीम:
सीए बिरादरी ने अनुमान लगाया कि इस बार बजट में न्यू टैक्स रिजीम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹75,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 करने और 20% टैक्स स्लैब की सीमा को ₹12-15 लाख से बढ़ाकर ₹12-20 लाख तक किए जाने की संभावना है। विशेषज्ञों ने बताया कि इन बदलावों से मध्यमवर्गीय करदाताओं को राहत मिल सकती है।
2. शिक्षा और कौशल विकास:
बजट में शिक्षा क्षेत्र के डिजिटलीकरण पर विशेष जोर देने की संभावना है। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई घोषणाएं हो सकती हैं। पिछली बार ₹1.48 लाख करोड़ के आवंटन के बाद इस बार शिक्षा क्षेत्र के बजट में और वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
3. रक्षा और रेलवे क्षेत्र की अपेक्षाएं:
रक्षा और रेलवे जैसे क्षेत्रों में भी बड़े आवंटन की उम्मीद है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि रेलवे के कई लंबित प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं।
4. स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण:
महिलाओं और बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में राहत प्रदान करने की भी मांग की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि महामारी के बाद हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए बजट में नए कदम उठाए जा सकते हैं।
निष्कर्ष:
ट्राईसिटी के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का मानना है कि यह बजट न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि करदाताओं, शिक्षाविदों और आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने वाला होगा। अब सभी की नजरें 2025 के बजट की घोषणाओं पर टिकी हैं।
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