अंतर-राज्यीय शराब तस्करी रोकने में चंडीगढ़ आबकारी विभाग विफल, पड़ोसी राज्यो से मांगा सहयोग
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 21 जनवरी 2025।
चंडीगढ़ के आबकारी एवं कराधान विभाग ने अंतर-राज्यीय शराब तस्करी पर रोक लगाने और पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 (जैसा कि यूटी चंडीगढ़ पर लागू है) के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। विभाग ने शराब के वितरण और बिक्री में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नियमित निरीक्षण और प्रवर्तन गतिविधियां शुरू की हैं।
119 निरीक्षण, 29,946 बोतलें जब्त:
विभाग ने 2024-25 में 119 निरीक्षण किए, जिनमें बॉटलिंग प्लांट, रेस्टोरेंट-बार और खुदरा शराब दुकानों पर कार्रवाई की गई। इन निरीक्षणों के दौरान विभिन्न ब्रांडों की 29,946 शराब बोतलें जब्त की गईं। विभाग ने अवैध गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
पड़ोसी राज्यों से समन्वय:
तस्करी रोकने के लिए विभाग ने पड़ोसी राज्यों से समन्वय बढ़ाया है। चंडीगढ़ में बिक्री के लिए रखी गई शराब यदि किसी अन्य राज्य में ज़ब्त होती है, तो इसका ब्यौरा संबंधित राज्य से मांगा जा रहा है। इस कदम का उद्देश्य तस्करों और उनके नेटवर्क का पता लगाना है।
ट्रैक-एंड-ट्रेस सिस्टम लागू:
आबकारी लाइसेंसधारियों पर ट्रैक-एंड-ट्रेस सिस्टम लागू किया गया है, जो शराब उत्पादन और वितरण की रियल-टाइम निगरानी को सक्षम बनाता है। इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
अवैध गतिविधियों पर जीरो टॉलरेंस:
चंडीगढ़ आबकारी विभाग ने स्पष्ट किया है कि शराब वितरण और बिक्री में किसी भी गैर-कानूनी गतिविधि के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। आबकारी अधिनियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आबकारी विभाग ने शराब व्यापार को पारदर्शी और वैध बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। तस्करी रोकने, पड़ोसी राज्यों के साथ तालमेल बढ़ाने और सख्त निरीक्षणों के जरिए विभाग एक निष्पक्ष और जवाबदेह तंत्र स्थापित करने की ओर बढ़ रहा है।
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