चंडीगढ़: जनता के लिए कानून, प्रशासन के लिए अपवाद – सड़कों पर दौड़ रहे कंडम सरकारी वाहन
बिना बीमा, पॉल्यूशन और बिना आरसी के रहे दौड़
मोटर व्हीकल एक्ट की हो रही अवहेलना
रमेश गोयत
चंडीगढ़। शहर की सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे प्रशासन के कंडम वाहन न केवल जनता की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं, बल्कि यह प्रशासन की जिम्मेदारी और मोटर व्हीकल एक्ट का खुला उल्लंघन भी कर रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस, प्रशासन और तीसरे नेत्र (सीसीटीवी) की निगरानी में सरकारी विभागों के ये कंडम वाहन बिना बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और वैध आरसी के उपयोग हो रहे हैं।
चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों व ड्राइवरो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारी मजबूरी है, प्रशासन द्वारा विभाग को लीज पर गाड़ी लेने की भी परमिशन नहीं दी जा रही है। जिसके कारण मजबूरी वंश यह वाहन चलने पड़ रहे हैं। इन वाहनों का बीमा व पेलुशन भी नही बना सकता, क्योंकि कई वाहनी की आरएलए ऑफिस से आरसी भी खत्म हो चुकी है।
कंडम वाहनों का खतरनाक सच
शहर के इंजीनियरिंग विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य सरकारी विभागों में अधिकारी ऐसे वाहन चला रहे हैं, जो सरकारी रिकॉर्ड में कंडम घोषित हो चुके हैं। ये वाहन न केवल पुरानी तकनीक और खराब स्थिति में हैं, बल्कि इनमें बीमा और वैध पंजीकरण जैसे मूलभूत दस्तावेज भी नहीं हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट की अवहेलना
- मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत, बिना बीमा और आरसी के वाहन चलाना कानूनी अपराध है।
- आम जनता के वाहनों पर सख्ती से नियम लागू किए जाते हैं, लेकिन प्रशासन अपने वाहनों पर इन नियमों को लागू करने में असफल है।
- बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के इन वाहनों का उपयोग दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा रहा है।
जनता के लिए खतरा
प्रशासनिक विभागों के ये वाहन सड़क पर दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। पुराने इंजन, घिसे टायर और खराब ब्रेकिंग सिस्टम से लैस ये वाहन तकनीकी तौर पर चलने के लायक नहीं हैं।
प्रशासन की अनदेखी
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में इन वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। तीसरे नेत्र (सीसीटीवी) की निगरानी के बावजूद इन वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
प्रशासन के लिए सवाल
- क्या प्रशासन के कंडम वाहनों पर मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं होता?
- क्या जनता के लिए बनाए गए नियम प्रशासन पर लागू नहीं होते?
- इन वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा?
समस्या का समाधान
- सभी कंडम वाहनों को तुरंत सेवामुक्त कर सार्वजनिक नीलामी में भेजा जाए।
- नए वाहनों की खरीद या किराये पर सुरक्षित वाहन उपयोग की व्यवस्था की जाए।
- प्रशासनिक विभागों को जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सभी वाहनों की बीमा और फिटनेस प्रमाण पत्र की जांच की जाए। चंडीगढ़ प्रशासन के लिए यह समय है कि वह जनता की सुरक्षा और नियमों के पालन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। जनता के लिए बनाए गए कानून प्रशासन पर भी समान रूप से लागू होने चाहिए। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह स्थिति एक बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।
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