करनाल: बिना दहेज के शादी ने पेश की नई मिसाल, मात्र 1 रुपये और 1 जोड़ी कपड़ों में सम्पन्न हुआ विवाह
बाबूशाही ब्यूरो
करनाल, 21 जनवरी। करनाल के कैमला गांव में 16 जनवरी को हुई एक साधारण लेकिन प्रेरणादायक शादी ने समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक नई जागरूकता की मिसाल पेश की। यह विवाह मास्टर नरेंद्र सिंह की बेटी सपना उर्फ सिल्की और करनाल जिले के डाबरथला निवासी सुभाष चंद के बेटे अशोक कुमार के बीच संपन्न हुआ। इस शादी में केवल 1 रुपये का शगुन और 1 जोड़ी कपड़े लेकर विवाह किया गया।
परिवारों की सशक्त सोच का नतीजा
अशोक कुमार, जो ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक कंपनी में कार्यरत हैं, ने बताया कि उनके पिता सुभाष चंद और चाचा की सोच थी कि शादी बिना दहेज के की जानी चाहिए। इस सोच को परिवार ने अपनाया और शादी को सादगीपूर्ण तरीके से आयोजित किया। अशोक ने कहा, "हमने दहेज प्रथा के खिलाफ यह कदम उठाया और यह परंपरा आगे भी जारी रखेंगे। मेरे ताऊ और चाचा के बच्चों की शादियां भी 1 रुपये का शगुन लेकर ही होंगी।"
समाज को सशक्त संदेश
सपना और अशोक की इस शादी ने समाज में दहेज प्रथा जैसी कुरीति पर करारा प्रहार किया है। दोनों परिवारों ने इस विवाह के माध्यम से यह संदेश दिया कि शादी सादगी से भी की जा सकती है और यह रिश्तों को और मजबूत बनाता है।
लोगों ने की सराहना
इस अनोखी शादी की खबर तेजी से फैल रही है, और इसे समाज में बदलाव की ओर एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने इस पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि यह शादी अन्य परिवारों को भी दहेज प्रथा के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देगी।
दहेज प्रथा के खिलाफ बढ़ती जागरूकता
करनाल में यह विवाह न केवल सादगी और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी देता है। दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे अन्य परिवारों द्वारा अपनाए जाने की आवश्यकता है।
सपना और अशोक की यह शादी हरियाणा के लोगों के लिए एक प्रेरणा है और यह दिखाती है कि बदलाव संभव है, यदि परिवार एकजुट होकर पुरानी कुरीतियों के खिलाफ खड़े हों।
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