Himachal Breaking CPS Case: सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों की सदस्यता से संबंधित मामले में सुनवाई आज
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 20 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 20 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के छह कांग्रेस विधायकों की सदस्यता से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई होनी थी, जिन्हें सुखविंदर सिंह सुखू के नेतृत्व वाली सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) के रूप में नियुक्त किया था। हालांकि, इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकी और अब सुप्रीम कोर्ट के वेब पोर्टल के अनुसार इसे संभावित रूप से 21 जनवरी के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप रतन ने नई तारीख की पुष्टि की और कहा कि मामले की सुनवाई बुधवार या उसके बाद गुरुवार को भी हो सकती है।
छह विधायकों- मोहन लाल ब्राक्टा (रोहड़ू), संजय अवस्थी (अर्की), राम कुमार चौधरी (दून), सुंदर ठाकुर (कुल्लू), आशीष बुटेल (पालमपुर) और किशोरी लाल (बैजनाथ) की सीपीएस के रूप में नियुक्तियों को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक घोषित किया था। इस फैसले ने राज्य के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक निहितार्थ पैदा कर दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ राज्य सरकार और पूर्व सीपीएस नियुक्तियों द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका सहित दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी। पीठ ने इस मामले को अदालत में पहले से लंबित एक समान मामले के साथ जोड़ने का भी फैसला किया है।
सुनवाई के नतीजे के राजनीतिक निहितार्थ बहुत बड़े हैं। अगर अदालत उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखती है और छह विधायकों को अयोग्य घोषित करती है, तो इससे राज्य विधानसभा में सुक्खू सरकार का बहुमत अस्थिर हो सकता है। इस मामले पर राज्य में लंबित अन्य राजनीतिक विवादों को प्रभावित करने की इसकी क्षमता के लिए भी बारीकी से नजर रखी जा रही है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के साथ नौ भाजपा विधायकों से जुड़ा मामला भी शामिल है।
अब अगली सुनवाई का इंतजार है, क्योंकि कानूनी और राजनीतिक पर्यवेक्षक इस उच्च-दांव वाले मामले में आगे के घटनाक्रमों की उम्मीद कर रहे हैं। (SBP)
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