चंडीगढ़ के 'मुख्य सचिव' पद पर बड़ा हंगामा, केंद्र सरकार ने एडवाइजर का पद खत्म किया
रमेश गोयत
चण्डीगढ़,08 जनवरी। चंडीगढ़ प्रशासन की व्यवस्था में केंद्र सरकार ने एक अहम बदलाव किया है। जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार, चंडीगढ़ के प्रशासक के एडवाइजर पद को खत्म कर दिया गया है और अब उसकी जगह 'मुख्य सचिव' का पद स्थापित किया गया है। इस बदलाव से चंडीगढ़ प्रशासन में आईएएस अधिकारियों की संख्या अब 11 हो गई है। वर्तमान में, एडवाइजर का पद आईएएस राजीव वर्मा के पास है।
चंडीगढ़ प्रशासन में इस बदलाव के बाद कई कयास लगाए जा रहे हैं, खासकर इस बारे में कि केंद्र चंडीगढ़ को राज्य का दर्जा देने की तैयारी कर रहा है। इस पर राजनीतिक दलों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने इस निर्णय पर हंगामा किया है। वही हरियाणा इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने भी चीफ सेक्रेटरी के पद के लिए हरियाणा की जिम्मेदारी जताई है
अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप ने कहा कि यह कदम पंजाब के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ को राज्य बनाने या परमानेंट यूटी बनाने की दिशा में काम कर रही है, जो पंजाब के अधिकारों के खिलाफ है। साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल किया कि क्या उन्हें इस फैसले के बारे में जानकारी थी और क्यों इसे पंजाब के लोगों से छिपाया गया।
वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता नील गर्ग ने भी विरोध जताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पंजाब के अधिकारों पर हमला किया गया है और चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार कमजोर हुआ है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि ऐसे महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले पंजाब सरकार से सलाह ली जानी चाहिए।
इस विवाद के बीच, चंडीगढ़ प्रशासन में बदलाव और केंद्र सरकार की चुप्पी के कारण राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और अब देखना होगा कि आगामी दिनों में इस मुद्दे पर और क्या प्रतिक्रियाएँ सामने आती हैं।
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