धनास गांव में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ पैदल मार्च, ग्रामीणों ने जताया रोष
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 9 जनवरी 2025:
बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में शहरवासियों और ग्रामीणों का संघर्ष लगातार तेज हो रहा है। इसी कड़ी में आज धनास गांव में ग्रामीण संघर्ष समिति और सामाजिक संगठनों के नेतृत्व में जोरदार पैदल मार्च निकाला गया।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व ग्रामीण संघर्ष समिति धनास के नेता दलविंदर सिंह, परमिंदर सिंह, सोहन सिंह और नौजवान किसान एकता के अध्यक्ष कृपाल सिंह ने किया। मार्च गुरुद्वारा भगत रविदास से शुरू होकर अमन कॉलोनी, चमन कॉलोनी, गलियों और बाजारों से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब में समाप्त हुआ।
नेताओं ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप:
ग्रामीण संघर्ष समिति के नेता दलविंदर सिंह और सोहन सिंह ने चंडीगढ़ प्रशासन पर गांववासियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि निजीकरण के फैसले से गांववालों को आर्थिक और सामाजिक रूप से नुकसान होगा। कृपाल सिंह ने कहा कि निजीकरण के बाद बिजली की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा असर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ेगा।
सभी वर्गों ने लिया भाग:
प्रदर्शन में महिलाओं, बच्चों और युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नौजवान किसान एकता के राजिंदर सिंह और पेंडू संघर्ष समिति के नेता सुरजीत सिंह, जसवंत सिंह, पंडित काला राम, कुलवीर सिंह और विजय कुमार भी विरोध मार्च का हिस्सा बने।
सभी से की सहयोग की अपील:
कृपाल सिंह ने चंडीगढ़ के सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से इस आंदोलन में शामिल होने और जनहित में निजीकरण के फैसले को रद्द करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सभी नागरिकों के अधिकारों की है, और जब तक प्रशासन अपना फैसला वापस नहीं लेता, संघर्ष जारी रहेगा।
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