चंडीगढ़ के कॉलेजों में नशा मुक्त परिसर सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव ने जारी की एसओपी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 9 जनवरी 2025।
चंडीगढ़ के मुख्य सचिव राजीव वर्मा ने आज उच्च शिक्षा संस्थानों को नशा मुक्त घोषित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। यह पहल चंडीगढ़ को नशा मुक्त क्षेत्र बनाने और युवाओं को नशे से दूर रखने के उद्देश्य से की गई है। कार्यक्रम का आयोजन चंडीगढ़ के सेक्टर 9 स्थित नए यूटी सचिवालय में किया गया।
इस अवसर पर शिक्षा सचिव प्रेरणा पुरी, समाज कल्याण सचिव अनुराधा एस. चगती, उच्च शिक्षा निदेशक रुबिंदरजीत सिंह बराड़, और समाज कल्याण निदेशक पल्लिका अरोड़ा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
"वाडा क्लब" और नशा मुक्त भारत अभियान की पहल
प्रेरणा पुरी ने जानकारी दी कि चंडीगढ़ के सभी कॉलेजों में "वाडा क्लब" स्थापित किए गए हैं। ये क्लब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2020 में शुरू किए गए "नशा मुक्त भारत अभियान" के तहत काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य मादक पदार्थों के खतरों के बारे में छात्रों को जागरूक करना और नशे के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति को बढ़ावा देना है।
समाज कल्याण विभाग के सहयोग से यह अभियान छात्रों और शिक्षकों के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहा है। इन क्लबों के तहत द्विवार्षिक निगरानी रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो नशे की गतिविधियों को नियंत्रित करने में मददगार होगी।
कॉलेज और स्कूलों के बीच समन्वय पर जोर
मुख्य सचिव राजीव वर्मा ने कॉलेज और स्कूलों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “नशा मुक्त परिसर सुनिश्चित करने के लिए औचक निरीक्षण और जांच आवश्यक है। इसी तरह के एसओपी स्कूलों के लिए भी विकसित किए जा सकते हैं ताकि समस्या की जड़ पर हमला किया जा सके।”
नशा मुक्त भारत के लिए संकल्प
मुख्य सचिव ने सभी विभागों और संस्थानों से भारत को नशा मुक्त बनाने के अभियान में एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने छात्रावासों और परिसरों में औचक निरीक्षण की आवृत्ति बढ़ाने और एसओपी के सख्त अनुपालन पर बल दिया।
यह पहल चंडीगढ़ को एक स्वस्थ और जागरूक समाज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे युवाओं को सुरक्षित और नशामुक्त वातावरण देने में मदद मिलेगी।
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