चंडीगढ़ से पड़ोसी राज्यों में शराब की तस्करी जारी, यूटी आबकारी विभाग विफल
मोहाली में 250 पेटियाँ अवैध शराब बरामद
सेल फॉर ओनली चंडीगढ़ की शराब की हो रही बाहर तस्करी
चंडीगढ़ यूटी को लग रहा राजस्व का चूना
रमेश गोयत
चंडीगढ़/मोहाली, 8 जनवरी। चंडीगढ़ यूटी से शराब की तस्करी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में मोहाली जिले के घड़ूआं गांव में आबकारी विभाग की टीम ने एक बोलेरो पिकअप से 250 पेटियाँ अवैध शराब बरामद कीं। यह शराब केवल चंडीगढ़ में बिक्री के लिए मान्य थी। कार्रवाई के दौरान दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
विशेष अभियान के तहत कार्रवाई
सहायक आबकारी आयुक्त मोहाली, अशोक चल्होत्रा ने जानकारी दी कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (आबकारी) विकास प्रताप और आबकारी आयुक्त वरुण रूजम के निर्देश पर, चंडीगढ़ से पंजाब में हो रही शराब तस्करी को रोकने के लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 7 जनवरी की रात आबकारी विभाग और पुलिस ने लुधियाना-चंडीगढ़ रोड पर घड़ूआं फ्लाईओवर के पास एक नाका लगाकर यह कार्रवाई की।
क्या मिला?
कार्रवाई के दौरान बोलेरो (नंबर पीबी-31एल-3924) से 224 पेटी व्हिस्की (लेबल 111 ACE) और 26 पेटी रम (लेबल 111 ACE) जब्त की गई। शराब चंडीगढ़ में बिक्री के लिए निर्धारित थी और इसे गैरकानूनी रूप से पंजाब लाया जा रहा था।
गिरफ्तारी और मामला दर्ज
मौके पर अमनदीप सिंह और जोगिंदर सिंह उर्फ राजू, निवासी बाघापुराना, को गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 की धारा 61.01.14 और 78(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
पांच बड़ी बरामदगी में से एक
आबकारी विभाग के अनुसार, हाल के दिनों में यह पांचवीं बड़ी बरामदगी है। विभाग ने कहा कि शराब की तस्करी न केवल अवैध है, बल्कि यह राज्य के राजस्व को भी नुकसान पहुंचाती है।
जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी
सहायक आबकारी आयुक्त अशोक चल्होत्रा ने कहा, "शराब तस्करी के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
तस्करी पर सख्त कार्रवाई की जरूरत
चंडीगढ़ से शराब की लगातार हो रही तस्करी ने आबकारी विभाग और प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सख्त कानून और ठोस निगरानी के जरिए ही इस समस्या पर अंकुश लगाया जा सकता है।
बॉक्स न्यूज़
चंडीगढ़ में शराब तस्करी रोक न पाना चिंता का विषय, पड़ोसी राज्यों में जारी अवैध गतिविधियां
चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी (यूटी) से पड़ोसी राज्यों राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में शराब की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही। "सेल फॉर चंडीगढ़" के लेबल वाली शराब की अवैध तरीके से तस्करी न केवल राजस्व नुकसान का कारण बन रही है, बल्कि प्रशासन और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रही है।
2 साल में बढ़ी तस्करी की घटनाएं
पिछले दो वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि शराब तस्करी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
2023: चंडीगढ़ से पंजाब और हरियाणा में शराब तस्करी के 75 बड़े मामले सामने आए। इनमें 2,500 से अधिक पेटियाँ जब्त की गईं।
2024: यह संख्या बढ़कर 98 हो गई, जिसमें करीब 3,200 पेटियाँ पकड़ी गईं।
2025: साल की शुरुआत में ही बड़ी कार्रवाई हुई है। एसएएस नगर (मोहाली) में हाल ही में 250 पेटियाँ अवैध शराब जब्त की गईं।
ताजा मामला: घड़ूआं में बड़ी कार्रवाई
7 जनवरी 2025 को, मोहाली में आबकारी विभाग ने चंडीगढ़ से अवैध तरीके से लाई जा रही 250 पेटियाँ शराब जब्त कीं।
तस्करी का असर
विशेषज्ञों का मानना है कि चंडीगढ़ में शराब की कीमतें अपेक्षाकृत कम होने के कारण इसे पंजाब और हरियाणा में तस्करी करके बेचा जाता है। इससे चंडीगढ़ का राजस्व तो प्रभावित होता ही है, साथ ही पड़ोसी राज्यों में अवैध शराब कारोबार बढ़ता है।
चंडीगढ़ एक्साइज विभाग विफल?
चंडीगढ़ एक्साइज विभाग तस्करी रोकने में विफल रहा है। पिछले कुछ सालों में विभाग ने तस्करी रोकने के लिए कई घोषणाएं कीं, लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं दिखा।
2023 में नाके और विशेष अभियान चलाने के बाद भी तस्करों पर लगाम नहीं लग पाई।
क्या कहते हैं अधिकारी?
पंजाब के आबकारी आयुक्त वरुण रूजम ने कहा, "चंडीगढ़ से हो रही शराब तस्करी पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।"
हालांकि, चंडीगढ़ प्रशासन से इस विषय पर अभी तक कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है।
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