हरियाणा राज्य सेवा आयोग ने राइट टू सर्विस एक्ट के तहत नायब तहसीलदार पर लगाया जुर्माना
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 18 अप्रैल – हरियाणा राज्य सेवा आयोग ने हिसार तहसील के नायब तहसीलदार द्वारा समयबद्ध सेवा प्रदान न किए जाने पर कड़ी कार्रवाई की है। यह मामला हिसार के गांव बीड़ में भूमि हस्तांतरण एवं म्युटेशन प्रक्रिया में हुई देरी से संबंधित है।
आयोग के प्रवक्ता ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हिसार निवासी सुमेधा जिंदल द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर सुनवाई करते हुए आयोग ने पाया कि नायब तहसीलदार नवदीप द्वारा दी गई जानकारी तथ्यों के विपरीत थी। नायब तहसीलदार ने बताया था कि हिसार एनिमल हसबैंड्री को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसायटी लिमिटेड के नाम भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जून 2024 से शुरू होकर अक्टूबर 2024 में पूरी हुई, जबकि उस अवधि में केवल कुछ ही विक्रय विलेख हुए थे।
इसके अतिरिक्त, हरियाणा सरकार की अधिसूचना 16 मार्च 2021 के अनुसार, विक्रय विलेख पंजीकरण के दिन ही म्युटेशन प्रक्रिया स्वचालित रूप से आरंभ हो जानी चाहिए थी। इस मामले में पंजीकरण और म्युटेशन के बीच अत्यधिक विलंब हुआ, और म्युटेशन की प्रविष्टि 23 दिसंबर 2024 को की गई, जबकि आयोग ने पहले ही 17 दिसंबर 2024 को इस पर संज्ञान लिया था। इसके अलावा, आयोग ने पाया कि जिन विलेखों का पंजीकरण शिकायतकर्ता के बाद हुआ था, उनका म्युटेशन पहले दर्ज कर लिया गया था, जो स्पष्ट रूप से भेदभाव और सेवा में देरी को दर्शाता है।
राज्य सेवा आयोग ने नायब तहसीलदार नवदीप को सेवा में लापरवाही और शिकायतकर्ता को उत्पीड़ित करने का दोषी पाया। हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट, 2014 की धारा 17(1)(एच) के तहत नायब तहसीलदार पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही, शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये का मुआवजा भी प्रदान करने के आदेश दिए गए हैं। आयोग ने उपायुक्त, हिसार को निर्देश दिया है कि अप्रैल 2025 के वेतन से यह राशि काटकर राज्य कोष में जमा कराई जाए तथा मुआवजा शिकायतकर्ता को प्रदान किया जाए।
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