जिस बीजेपी सरकार को किसानों की कोई चिंता ही नहीं, वो कह रही किसानों को चिंता की जरुरत नहीं - दीपेंद्र हुड्डा
· 12 लाख टन गेहूं खुले में पड़ा है, अगर बारिश से गेहूं खराब हुआ तो सरकार होगी जिम्मेदार
· हरियाणा की मंडियों में खरीद व्यवस्था में उजागर हुई सारी खामियों को तुरंत दूर किया जाए- दीपेंद्र हुड्डा
· किसानों पर थोपी गई 12 प्रतिशत नमी वाली शर्त को कम से कम 14 प्रतिशत किया जाए और
· जांच एजेंसियों के दबाव में भाजपा ज्वाईन करने वाले नेताओं को मिली राहत से जांच एजेंसियों की भूमिका पर लगा प्रश्नचिन्ह - दीपेंद्र हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 18 अप्रैल। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा की मंडियों में 12 लाख टन गेहूं खुले में पड़े होने और खरीद एजेंसियों की दुर्व्यवस्था पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि आज के और पिछले एक-दो दिन के अखबारों की सुर्खियों को ही देखें तो पता चल जायेगा कि प्रदेशभर में गेहूं खरीद में किस कदर अव्यवस्था फैली हुई है। 12 लाख टन गेहूं खुले में पड़ा है, अगर बारिश से गेहूं खराब हुआ तो किसान नहीं सरकार जिम्मेदार होगी। क्योंकि, मौसम विभाग ने अगले एक-दो दिनों में ही बारिश का पूर्वानुमान दिया है। ऐसे में अचानक बारिश से अगर फसल को नुकसान हुआ तो इसकी पूरी कसूरवार हरियाणा सरकार और उसकी खरीद एजेंसियां होंगी। क्योंकि एजेंसियों ने पहले खरीद शुरु करने में देरी की। उन्होंने कहा कि मंत्री जी मंडियों में जाने की बात तो कह रहे लेकिन अब तक उन्हें किसी मंडी में नहीं देखा गया। वहीं, सरकार ने किसानों पर 12 प्रतिशत नमी की ऐसी शर्त लगा दी कि उससे बचने के लिये किसान मंडी में अपनी फसल लाकर सुखाने को मजबूर हो गया। उन्होंने मांग करी कि 12 प्रतिशत नमी वाली शर्त में राहत देकर उसे कम से कम 14 प्रतिशत किया जाए और खरीद व्यवस्था में उजागर हुई सभी खामियों को तुरंत दूर किया जाए। दीपेंद्र हुड्डा ने तंज़ कसा कि जिनको किसानों की चिंता ही नहीं वो कह रहे हैं कि किसान को चिंता की जरुरत नहीं!
दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी सरकार द्वारा पूरे देश में जांच एजेंसियों के राजनीतिक प्रयोग के खेल पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा समेत अन्य राज्यों के बहुत से ऐसे नेता हैं जिन पर मुकदमे दर्ज हुए लेकिन दबाव में आकर जब उन्होंने बीजेपी ज्वाईन कर ली तो उन्हें मुकदमों से राहत मिल गयी। इतना ही नहीं बीजेपी के शीर्ष नेता जिन्हें भ्रष्टाचारी बताते थे उन्हें अपना प्रमुख सहयोगी बना लिया है। हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के नेता इसका ज्वलंत उदाहरण हैं। इसलिये पूरे देश में आज जांच एजेंसियों की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पूरे देश में विपक्ष को निशाने पर लेकर ईडी, सीबीआई, इन्कम टैक्स जैसी जांच एजेंसियों का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। पिछले 11 साल में ईडी ने 911 मुकदमे भाजपा के विपक्षी दलों के नेताओं पर ही दर्ज किये गये हैं। जबकि, अन्य भाजपा शासित प्रदेशों में भाजपा सरकारें भ्रष्टाचार, लूटने में लगी हुई हैं। लेकिन भाजपा के किसी मंत्री, नेता पर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। देश में शायद ही विपक्ष का कोई ऐसा नेता बचा हो जिसपर ईडी, सीबीआई, आईटी का मुकदमा दर्ज न कराया हो। केवल प्रतिशोध की राजनीति से विपक्ष की आवाज़ दबाने के प्रयास हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि हम सड़क पर भी लड़ाई लड़ेंगे, न्यायपालिका में भी लड़ाई लड़ेंगे और संसद में भी लड़ाई लड़ेंगे। कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका निभाने से, जनता की आवाज़ उठाने से कोई नहीं रोक सकता।
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