हरियाणा को बनाएंगे मैन्यूफैक्चरिंग का हब : नायब सिंह सैनी
- मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम के मानेसर में बजट के उपरांत उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की बैठक को किया संबोधित
- मुख्यमंत्री बोले, विकसित भारत के संकल्प में हरियाणा को भागीदार बनाने के लिए उद्योग विभाग के बजट में की 129 फीसदी की बढ़ोतरी
- प्रदेश भर के उद्योगपतियों ने बजट में सुझाव शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 18 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प पर आगे बढ़ते हुए आने वाले दिनों में हरियाणा को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाएंगे। पिछले 10 वर्षों में हमारी उद्योग अनुकूल तथा श्रमिक कल्याण नीतियों के चलते हरियाणा प्रदेश भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक शक्ति केंद्रों के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने यह बात शुक्रवार को गुरुग्राम के मानेसर स्थित भारतीय कॉर्पोरेट मामले संस्थान में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बजट उपरांत बैठक को संबोधित करते हुए कही।
नायब सिंह सैनी ने बैठक में पहुंचे प्रदेश भर के उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करते हुए नमन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2047 में विकसित भारत बने। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए इस बार के बजट में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के बजट को बढ़ाकर 1848 करोड़ 12 लाख रुपए कर दिया है जोकि पिछली बार की तुलना में 129 फीसदी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में उद्योग जगत विशेषकर निर्माण, टैक्सटाइल, स्टार्टअप आदि के प्रतिनिधियों के सुझावों को भी शामिल किया गया है। बैठक में पहुंचे उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने उनके सुझावों को बजट में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में औद्योगिक श्रमिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई उपाय शामिल किए गए हैं। जिसमें श्रमिकों की आवासीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सभी औद्योगिक क्षेत्रों में 300 अटल किसान श्रमिक कैंटीन खोली जाएंगी ताकि श्रमिक भाईयों को उचित दर पर पौष्टिक भोजन मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण व मेक इन हरियाणा के उद्देश्य के साथ औद्योगिक नीतियों को केंद्र में रख कर हरियाणा प्रदेश एक विनिर्माण केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश अपने औद्योगिक संस्थानों की प्रगति के बलबूते आज जीएसटी कलेक्शन में पूरे देश में पांचवें स्थान पर है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीन ओर से घिरे होने के कारण हमारी भौगोलिक स्थिति दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से अद्वितीय कनेक्टिविटी प्रदान करती है। यह निकटता व्यवसायों को बड़े उपभोक्ता बाजार और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच प्रदान करती है। यही सामरिक लाभ वैश्विक निवेशकों को हमारे राज्य की ओर आकर्षित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने व्यापार के अनुकूल वातावरण बनाने तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा एंटरप्राइजेज एंड एम्प्लॉयमेंट पॉलिसी 2020 जैसे कई महत्वपूर्ण उपाय लागू किए हैं। निवेशकों के लिए सरल व सुगम मंजूरी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित किए हैं, जिन्होंने हमें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में शीर्ष राज्यों में स्थान दिलाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त व्यवस्था में आवेदक को 15 दिन की अवधि में सभी मंजूरी प्रदान की जा रही हैं। अगर संबंधित व्यक्ति के कागजों में कुछ कमियां है तो उन्हें दूर करने के लिए 30 दिन की अवधि निर्धारित की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से 40 से अधिक विभागों की 150 से ज्यादा सेवाएं ऑनलाईन प्रदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक नीति को और बिजनेस फ्रेंडली बनाने के लिए सरकार ने मौजूदा बजट में नई औद्योगिक नीति और एच.एस.आई.आई.डी.सी. की ई.एम.पी. का सरलीकरण करने के लिए प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में आईएमटी खरखौदा की तर्ज पर 10 नए औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) विकसित करेगी, जिसके लिए भूमि की मांग एचएसआईआईडीसी द्वारा ई-भूमि पोर्टल पर पंजीकृत की जाएगी। प्रदेश में लैण्ड पूलिंग एवं लैण्ड पार्टनरशिप पॉलिसी को आकर्षक बनाने का कार्य जारी है ताकि भूमिधारकों को विकास का बराबर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ये नए औद्योगिक टाउनशिप विश्व स्तरीय स्मार्ट औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किए जाएंगे, जो हमारे उद्योग की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स की अनिवार्यता और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, हरियाणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में हर औद्योगिक एस्टेट में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। ये केंद्र युवा उद्यमियों को आवश्यक बुनियादी ढांचा, मार्गदर्शन और वित्तपोषण के अवसर प्रदान करेंगे ताकि वे अपने नवाचारों को सफल व्यवसायों में बदल सकें।
अगले छ: महीनों में बदल जाएगी सभी औद्योगिक संपदाओं की तस्वीर
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम आगमन पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का स्वागत किया और कहा कि आपके नेतृत्व में प्रदेश का उद्योग जगत तेजी से तरक्की करेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी औद्योगिक संपदा क्षेत्रों में सडक़, सीवरेज व स्वच्छता आदि के टेंडर जारी हो चुके हैं। औद्योगिक संगठनों की इस मांग पर अगले तीन महीने के भीतर काम शुरू हो जायेगा और छ: महीने के भीतर इसे पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति भी तैयार की जा रही है। जिसके तहत नए औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित होंगे। उद्योगों की प्रगति से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश की तरक्की होगी।
पर्यावरण संरक्षण के लिए उद्योग जगत से मांगा सहयोग
राव नरबीर सिंह ने कार्यक्रम में पहुंचे उद्योग जगत से प्रतिनिधियों से पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने पॉलीथिन को पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि पैकिंग को लेकर नए विकल्प तलाश करें ताकि हम आने वाले समय में पर्यावरण को स्वच्छ बना सके। साथ ही अपने रोजमर्रा के कामकाज में भी पर्यावरण हितैषी सामग्री का इस्तेमाल करें।
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