सिमरनजीत मान ने लाहौर की ओर कूच किया, बीएसएफ ने नाके लगाकर रोका!
भारत-पाक सीमा खोलने की मांग को लेकर अकाली दल अमृतसर ने अटारी-वाघा सीमा पर विरोध प्रदर्शन किया; बीएसएफ ने मान व अन्य नेताओं को रोका
अमृतसर, 17 अप्रैल, 2025 - आज शिरोमणि अकाली दल अमृतसर ने अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व में किसानों, मजदूरों और व्यापारियों की खुशहाली और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों के लिए एक अपील की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अध्यक्ष सिमरजीत सिंह मान ने कहा कि अब नफरत की राजनीति को खारिज कर खुशहाली, शांति और कानूनी जिम्मेदारी के लिए खड़े होने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से भारत-पाकिस्तान व्यापार मार्ग खोलने की मांग केवल आर्थिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और कानूनी आवश्यकता है।
मान दल द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पंजाब में, विशेषकर अमृतसर जिले में, किसान कम कीमतों और बाजारों की कमी के कारण पीड़ित हैं। सीमा खुलने से वे अपना गेहूं, चावल, सब्जियां और फल बेहतर कीमत पर बेच सकेंगे। व्यापारी, विशेषकर सूखे मेवे, सीमेंट, कपड़ा और औद्योगिक वस्तुओं के व्यापारी, अपने खोए हुए बाजार को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होंगे। परिवहन, भंडारण, होटल और पर्यटन क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत को कई आर्थिक लाभ होंगे, जैसे सीमा खोलने से भारत की जीडीपी में 1% की बढ़ोतरी हो सकती है। क्षेत्रीय समृद्धि से दुनिया भर में एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में भारत की छवि मजबूत होगी। मध्य एशिया से जुड़ने के मार्ग खुलेंगे और विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता कम होगी। झूठी सुरक्षा आशंकाओं का जवाब यह है कि WTO कानून (GATT अनुच्छेद XXI) के अनुसार, सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध स्वीकार्य हैं, लेकिन केवल सावधानियों और नियमों के अनुसार। व्यापार बंद करने से सुरक्षा नहीं मिलती, बल्कि नफरत बढ़ती है। ऐतिहासिक अनुभव से पता चलता है कि आर्थिक निकटता युद्ध की संभावना को कम करती है। उन्होंने कहा कि भारत को नफरत की पुरानी राजनीति का कैदी नहीं बनाया जा सकता। अब समय आ गया है कि हम वाघा के रास्ते भारत-पाकिस्तान व्यापार को पुनः खोलें, कानूनी जिम्मेदारियां निभाएं, किसानों और उद्योगों को जीवन दें तथा शांति का मार्ग चुनें। यह किसानों, व्यापारियों, श्रमिकों और अल्पसंख्यकों की आवाज है। यह भारत के संवैधानिक आदर्शों की मांग है। यह मानवता की आवश्यकता है।
इस अवसर पर हरपाल सिंह बलेर, उपकार सिंह संधू, कुलदीप सिंह भागोवाल, गुरजंत सिंह कट्टू (सभी महासचिव) हरभजन सिंह कश्मीरी, बलदेव सिंह गागरा, गुरचरण सिंह भुल्लर, बलकार सिंह भुल्लर (सभी पीएसी सदस्य), बीबी चरणजीत कौर माता शहीद भाई अवतार सिंह खांडा, तेजिंदर सिंह देयोल युवा अध्यक्ष, दर्शन सिंह मंडेर, रणजीत सिंह संतोखगढ़, अमरीक सिंह नंगल, दर्शन सिंह भाऊ कनाडा, गुरबचन सिंह पवार, नवनीत गोपी, प्रीतम सिंह मानगढ़, कुलवंत सिंह मझैल, बलविंदर सिंह काला हरजीत सिंह मियांपुर, जसबीर सिंह बचरे, बीबी रसपिंदर कौर गिल, शमशेर सिंह बराड़, कुलवंत सिंह मजीठा, सहबाज सिंह दासका, बाबा हरबंस सिंह जैनपुर, बीबी रशपिंदर कौर, बीबी कुलवंत कौर, बीबी बलविंदर कौर संधू, रविशेर सिंह, हरमीत सिंह सोढ़ी, परमजीत सिंह सुख, बाबा जसवीर सिंह, परमिंदर सिंह नानोवाल, श्री तानरिक मोहम्मद, परमिंदर सिंह खालसा, गुरनाम सिंह सिंगरीवाल, गुरप्रीत सिंह दुलमान, उपिंदर प्रताप सिंह, परगट सिंह रोपड़, बीबी सुप्रीत कौर, सूरत सिंह ममदोट, दलजीत सिंह बाजवा, कुलवंत सिंह मझैल, दलजीत सिंह चकमकंद आदि नेता मौजूद थे।
kk
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →