सरकार ने स्पष्ट किया कि फास्टैग आधारित सड़क टोल संग्रह प्रणाली जारी रहेगी
नई दिल्ली, 18 अप्रैल, 2025 (एएनआई): केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा फास्टैग-आधारित टोल संग्रह प्रणाली के स्थान पर उपग्रह-आधारित टोल प्रणाली 1 मई, 2025 से शुरू नहीं की जाएगी।
यह स्पष्टीकरण उन रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें कहा गया था कि मई से सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली फास्टैग टोल संग्रह की जगह ले लेगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय या भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा 1 मई 2025 से देश भर में सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली लागू करने के संबंध में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।"
मंत्रालय ने बताया कि टोल प्लाजा के माध्यम से वाहनों की निर्बाध, बाधा-मुक्त आवाजाही को सक्षम करने और यात्रा के समय को कम करने के लिए, चयनित टोल प्लाजा पर एएनपीआर-फास्टैग आधारित बाधा-रहित टोलिंग प्रणाली लागू की जाएगी।
उन्नत टोल प्रणाली में 'स्वचालित नंबर प्लेट पहचान' (एएनपीआर) तकनीक को शामिल किया जाएगा, जो वाहनों की नंबर प्लेट पढ़कर उनकी पहचान करती है, तथा इसमें मौजूदा 'फास्टैग प्रणाली' को भी शामिल किया जाएगा, जो टोल कटौती के लिए रेडियो-फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) का उपयोग करती है।
इस प्रणाली के अंतर्गत, उच्च प्रदर्शन वाले एएनपीआर कैमरों और फास्टैग रीडर्स के माध्यम से वाहनों की पहचान के आधार पर शुल्क लिया जाएगा, जिससे टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
नियमों का पालन न करने की स्थिति में उल्लंघनकर्ताओं को ई-नोटिस जारी किया जाएगा तथा भुगतान न करने पर फास्टैग निलंबित किया जा सकता है तथा वाहन से संबंधित अन्य दंड भी लगाया जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि एनएचएआई ने 'एएनपीआर-फास्टैग आधारित बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम' के कार्यान्वयन के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, जिन्हें चयनित टोल प्लाजा पर स्थापित किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि सिस्टम के प्रदर्शन, दक्षता और उपयोगकर्ता की प्रतिक्रिया के आधार पर, देश भर में इसके कार्यान्वयन के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
सभी राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा ICD 2.5 प्रोटोकॉल पर काम करते हैं जो वास्तविक समय टैग की स्थिति बताता है, इसलिए फास्टैग ग्राहक टोल प्लाजा पार करने से पहले किसी भी समय रिचार्ज कर सकते हैं।
फास्टैग ग्राहकों को मैन्युअल रिचार्ज की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए ऑटो-रिचार्ज सेटिंग्स के तहत अपने फास्टैग वॉलेट को यूपीआई/चालू/बचत खातों से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
ग्राहक टोल पर पहुंचने से पहले किसी भी समय यूपीआई, नेट बैंकिंग आदि विभिन्न भुगतान चैनलों का उपयोग करके अपने फास्टैग को रिचार्ज करना जारी रख सकते हैं। (एएनआई)
केके
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