Himachal News: हिमाचल के इस रेलवे स्टेशन के पास मिला दो करोड़ वर्ष पुराना फॉसिल स्टेम, देखें पूरा मामला
कसौली निवासी जाने-माने भू-विज्ञानी डा. रितेश आर्य की टीम को मिली सफलता, फूलोंं के विकास व जीवन को समझने में मिलेगी मदद
बाबूशाही ब्यूरो, 18 फरवरी 2025
सोलन। सोलन जिला के कोटी रेलवे स्टेशन के समीप जीवाश्म वैज्ञानिकों व भू-वैज्ञानिकों की एक टीम ने पहली बार जीवाश्म तने (फॉसिल स्टेम) को खोज निकाला है। उनका दावा है कि यह जीवाश्म करीब दो करोड़ वर्ष पुराना है। इस अभूतपूर्व खोज से कसौली फॉरमेशन के भीतर फूलदार पौधों के विकास व विविधिकरण पर नए साक्ष्य मिले हैं। इतना ही नहीं, इस खोज से शुरुआती मिओसिन पीरियड (मध्यनूतन युग) में रीजनल एंजियोस्पर्म विकास के बारे में मूल्यवान जानकारी मिल पाएगी।
इस खोज का लाभ न केवल देश-विदेश के भू-विज्ञानिकों को होगा, बल्कि इस क्षेत्र में अध्ययनरत छात्रों को भी होगा। टीम में प्रसिद्ध भूविज्ञानी और टेथिस जीवाश्म संग्रहालय के संस्थापक गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड होल्डर कसौली निवासी डा. रितेश आर्य और प्रमुख जीवाश्म विज्ञानी व फील्ड गाइड ओएनजीसी से वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में सेवानिवृत्त डा. जगमोहन सिंह और शामिल थे।
टीम ने कोटी रेलवे स्टेशन का दौरा किया, जो ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण स्थल है और जो लंबे समय से इस क्षेत्र में भू-वैज्ञानिक अन्वेषणों के लिए एक प्रवेश बिंदू रहा है। टीम ने अपनी खोज के दौरान इस जीवाश्म स्टेम को कोटी रेलवे स्टेशन के पास से प्राप्त किया। यह जीवाश्म अच्छी तरह से संरक्षित विशेषताओं और कार्बनिक अवशेषों को प्रदर्शित करता है, जो आधुनिक एंजियोस्पर्म से काफी मिलते-जुलते हैं।
यह खोज न केवल इस क्षेत्र में इस तरह के जीवाश्म का पहला रिकार्ड है, बल्कि हिमालय के इस हिस्से में फूलों के पौधों के भौगोलिक प्रसार और शुरुआती अनुकूलन के बारे में समझ को भी बढ़ाता है। (SBP)
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