पंचकूला: नगर निगम की लापरवाही से जनता को परेशानी, सड़क कट की मरम्मत लंबित
निगम रोड़ कट के पैसे लेकर नही कर रहा ठीक
मोबाइल कम्पनियों ने बिना निगम की परमिशन के बिना सड़के तोड़ डाली,
रमेश गोयत
पंचकूला, 18 फरवरी: पंचकूला में सड़क कट की मरम्मत में हो रही देरी से स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ऐस के नैय्यर, विरेन्द्र कृष्ण, अशोक गाब्बा और अन्य सदस्यों ने नगर निगम आयुक्त अपराजिता और अधीक्षण अभियंता विजय गोयल को पत्र लिखकर जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
सेक्टर 11 मार्किट व सेक्टर-15, मकान नंबर 509 के पास रोड-कट की मरम्मत में देरी जनता के लिए असुविधा का कारण बन रही है। मकान मालिक ने रोड-कट की राशि उसी दिन जमा कर दी थी और नगर निगम के जेई नागपाल को सूचित किया गया था कि मरम्मत का कार्य पूरा किया जाए। हालांकि, नगर निगम के पास मरम्मत सामग्री उपलब्ध नहीं होने के कारण सड़क की गड्ढों को अस्थायी रूप से कचरे (मलबे) से भरा गया। इसी प्रकार पंचकूला के सभी सेक्टरों में रोड़ कट की परमिशन लेकर लोगों ने प्राइवेट लेबर के काम तो करवा लिया, निगम ने रोड कट को परमिशन देकर पैसे भी जमा करवा लिए, मगर रोड कट को कोई भी ठीक करने वाला कोई भी नही है। इसी प्रकार मोबाइल कम्पनियों ने बिना निगम की परमिशन के सड़के तोड़ डाली, उसकी तरफ भी निगम अधिकारियों का कोई ध्यान नही है। नगर निगम मेयर व कमिश्नर को लोग अवगत भी करवा चुके है। फिर भी हालात जस के तस है
लगातार हो रही दुर्घटनाएं
- दोपहिया वाहनों और अन्य छोटे वाहनों के लिए गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं।
- भारी वाहनों की आवाजाही के कारण सड़क पर रोजाना 10,000 से अधिक वाहन गुजरते हैं, जिससे यह स्थान दुर्घटना संभावित बन गया है।
- शाम के पीक आवर्स में यातायात बाधित हो रहा है, जिससे लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ रही है।
नगर निगम की उदासीनता
- डेढ़ महीने बीतने के बावजूद सड़क कट की मरम्मत नहीं की गई।
- जेई नागपाल द्वारा फोन कॉल्स भी अटेंड नहीं की जा रही हैं।
- नगर निगम की ओर से दूसरी बार भी अस्थायी मरम्मत की गई, लेकिन स्थायी समाधान अभी भी लंबित है।
नागरिकों की मांग
सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन ने नगर निगम से अनुरोध किया है कि रोड-कट की मरम्मत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। भारी यातायात वाले 'बी-रोड्स' की मरम्मत को सुचारू और स्मार्ट तरीके से किया जाए। भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए वन-विंडो सिस्टम लागू किया जाए। "ताकि और अधिक जूझना न पड़े," – ऐस के नैय्यर, अध्यक्ष, सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन।
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