चंडीगढ़ मेयर चुनाव में खुले मतदान की योजना पर उठे सवाल
रमेश गोयत
चंडीगढ़,18 फरवरी।चंडीगढ़ नगर निगम (MC) मेयर चुनाव में खुले मतदान (हाथ उठाकर मतदान) की योजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट व्यवस्था है कि किसी भी चुनाव—चाहे वह संसद का हो या राज्य विधानमंडल का—गोपनीय मतदान एक अनिवार्य प्रक्रिया है। यह गोपनीयता, मतदाता की स्वतंत्रता और लोकतंत्र को मजबूत करती है।
इसी संदर्भ में, चंडीगढ़ प्रशासन ने MC मेयर चुनाव में खुले मतदान की व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई है। इसके लिए प्रशासन ने डिप्टी कमिश्नर, जो कि MC चुनाव के निर्वाचन अधिकारी भी हैं, को पंजाब म्युनिसिपल एक्ट में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए हैं।
इस निर्णय के खिलाफ सेकंड इनिंग्स एसोसिएशन, जो वरिष्ठ नागरिकों का एक प्रतिष्ठित समूह है, ने आपत्ति जताई है। संगठन के अध्यक्ष आर.के. गर्ग ने प्रशासन की इस पहल को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताते हुए इसे तत्काल रोके जाने की मांग की है।
गर्ग ने कहा, "भारत में पिछले 75 वर्षों से गुप्त मतदान प्रणाली सफलतापूर्वक लागू है, और यह लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है। महज एक व्यक्ति की गलतियों के कारण पूरे तंत्र को बदलने की कोशिश अस्वीकार्य है।" उन्होंने इस कदम को असंवैधानिक और लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए केंद्र सरकार से अपील की है कि भारत में दल-बदल विरोधी कानून को पूरी तरह लागू किया जाए।
गर्ग ने कहा कि अगर चंडीगढ़ प्रशासन की यह योजना लागू होती है, तो यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करेगी और आगे गलत उदाहरण स्थापित करेगी।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या मेयर चुनाव के लिए परंपरागत गुप्त मतदान प्रणाली बरकरार रहती है या नहीं।
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