पंजाब में किसान संगठनों का चंडीगढ़ कूच रोकने के लिए पुलिस का एक्शन, प्रदर्शन जारी
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़,05 मार्च: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों ने बुधवार को चंडीगढ़ कूच का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड्स और चेकपॉइंट्स लगाकर किसानों को चंडीगढ़ जाने से रोक दिया। इस दौरान बीकेयू (एकता उगराहां) के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां सहित कई प्रमुख किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि कई अन्य किसान नेता नजरबंद हो गए।
किसान नेताओं ने इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताते हुए पंजाब के विभिन्न स्थानों पर चक्का जाम और विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसकेएम के एक बयान के अनुसार, पंजाब में 35 से अधिक स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किए गए। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई के बावजूद किसानों ने सड़क और रेल अवरुद्ध नहीं किए, जैसा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आरोप लगाया था।
एसकेएम ने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस ने किसानों का उत्पीड़न बढ़ा दिया है और कई नेताओं को गिरफ्तार किया। इनमें जोगिंदर सिंह उगराहां और मुकेश चंद्र शर्मा जैसे प्रमुख नेता शामिल थे। एसकेएम ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बुजुर्ग नेताओं जैसे बलबीर सिंह राजेवाल और रुलदू सिंह मानसा को भी हिरासत में रखा गया, जो पूरी तरह से अनुचित था।
पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने बताया कि किसानों को उनके घरों के पास ही रोक लिया गया और कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों पर आरोप लगाया था कि वे लगातार विरोध-प्रदर्शन कर पंजाब को "धरनों का प्रदेश" बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता को परेशान करना सही नहीं है।
एसकेएम की मुख्य मांगें
एसकेएम ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एमएसपी की कानूनी गारंटी, राज्य सरकार द्वारा छह फसलों की एमएसपी पर खरीद, और कृषि विपणन पर केंद्र के मसौदे को वापस लेने समेत 18 मांगें रखी हैं। इसके अतिरिक्त, किसानों ने 2020-21 में किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की भी मांग की है।
पुलिस छापेमारी
सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से वार्ता विफल होने के बाद पंजाब पुलिस ने रात में किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी शुरू कर दी थी। इस कार्रवाई में कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया और कुछ को नजरबंद कर दिया गया। इन नेताओं में बलबीर सिंह राजेवाल, रुलदू सिंह मानसा और जंगवीर सिंह चौहान जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।
इस बीच, पंजाब सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध जारी है, और स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए आगामी वार्ता की उम्मीदें अब भी कायम हैं।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →