CHD आउटसोर्स्ड वर्करों की भूख हड़ताल छठे दिन भी जारी, प्रशासन पर लगाया गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 15 मार्च – कोऑर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले आउटसोर्स्ड वर्करों की भूख हड़ताल आज छठे दिन भी जारी रही। वर्करों का कहना है कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला, जिससे वे भूखमरी का सामना करने को मजबूर हैं। प्रदर्शनकारी प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ संघर्षरत हैं और जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे वर्कर
सेक्टर-16 मेंटेनेंस बूथ पर भूख हड़ताल कर रहे वर्करों में विभिन्न विभागों के 9 कर्मचारी शामिल थे:
राहुल कुमार (वाटर सप्लाई, नगर निगम)
तालिब हुसैन (जीएमसीएच-32 सिक्योरिटी यूनियन)
आकाशदीप शर्मा (इलेक्ट्रिकल एडमिन)
अशोक कुमार (पब्लिक हेल्थ एडमिन)
गुरसेवक सिंह (बिल्डिंग मेंटेनेंस)
संजू सिंह (बिल्डिंग मेंटेनेंस)
संदीप कुमार (सीवर, नगर निगम)
गुरप्रीत सिंह (इलेक्ट्रिकल)
विपन कुमार (इलेक्ट्रिकल)
प्रशासन की अनदेखी, वर्करों की मांगें
कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी इम्प्लाइज एंड वर्कर्स, यूटी चंडीगढ़ के प्रधान सतिंदर सिंह, महासचिव राकेश कुमार और अन्य नेताओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि इंजीनियरिंग विभाग के इलेक्ट्रिकल सर्कल, पब्लिक हेल्थ सर्कल और कंस्ट्रक्शन सर्कल के वर्करों की सैलरी नहीं दी जा रही, जबकि कई बार अनुरोध किया गया है।
नेताओं का कहना है कि श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है और लेबर विभाग की हिदायतों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। वर्करों की मुख्य मांगें हैं:
लंबित वेतन का तुरंत भुगतान
श्रम कानूनों का सही ढंग से पालन
आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन और अन्य सुविधाएं
आंदोलन की अगली रणनीति
भूख हड़ताल 28 मार्च तक जारी रहेगी।
29 मार्च को वर्करों की कन्वेंशन आयोजित होगी।
8 अप्रैल को चंडीगढ़ सचिवालय का घेराव किया जाएगा।
समाधान के लिए उच्च स्तरीय बैठक की मांग
मीटिंग में मांग की गई कि उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई जाए और कर्मचारियों की तर्कसंगत मांगों पर निर्णय लिया जाए। साथ ही, कर्मचारियों और प्रशासन के बीच बातचीत का रास्ता खुला रखा जाए ताकि एम्प्लॉयर-एम्प्लॉयी संबंधों में सुधार हो सके।
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