दक्षिण अफ्रीका के राजदूत को अमेरिका ने किया निष्कासित, राष्ट्रपति रामाफोसा ने जताया खेद
बाबूशाही ब्यूरो
जोहान्सबर्ग, 15 मार्च। अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका के राजदूत इब्राहिम रसूल को निष्कासित कर दिया है। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने गहरा खेद जताया है और सभी संबंधित पक्षों से राजनयिक शिष्टाचार बनाए रखने की अपील की है।
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि "दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परस्पर लाभकारी संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।" हालांकि, अमेरिका की ओर से यह सख्त कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं।
अमेरिका ने राजदूत को 'अवांछनीय व्यक्ति' घोषित किया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घोषणा की कि इब्राहिम रसूल अब अमेरिका में स्वागत योग्य नहीं हैं। उन्होंने लिखा, "संयुक्त राज्य अमेरिका में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत का अब हमारे देश में कोई स्थान नहीं है। हमें उनसे कुछ भी चर्चा नहीं करनी है, इसलिए उन्हें 'अवांछनीय व्यक्ति' घोषित किया गया है।"
ट्रंप की आलोचना करना पड़ा महंगा
दरअसल, इब्राहिम रसूल ने हाल ही में एक सार्वजनिक भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने ट्रंप पर आरोप लगाया था कि वे "वैश्विक श्वेत वर्चस्ववादी आंदोलन" का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के स्थापित मानदंडों को तोड़ा है।
इस बयान के बाद, अमेरिका में दक्षिणपंथी हलकों में रसूल की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने उन्हें एक "जातिवादी नेता" बताते हुए कहा कि वे ट्रंप और अमेरिका से नफरत करते हैं।
अमेरिका-दक्षिण अफ्रीका संबंधों में पहले से था तनाव
यह निष्कासन ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के संबंध पहले से ही खराब चल रहे हैं। इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं –
- अमेरिका द्वारा दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में कटौती।
- दक्षिण अफ्रीका की भूमि नीति, जिससे अमेरिका नाराज है।
- दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में नरसंहार का मामला दर्ज कराना।
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका के इस कदम से दोनों देशों के राजनयिक संबंध और अधिक खराब हो सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दक्षिण अफ्रीका इस पर क्या जवाबी कार्रवाई करता है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →