रिश्वत लेने का नया जरिया बना गूगल पे!
रोहतक में थानेदार ने ली गूगल पे से 50000 रिश्वत एसीबी ने किया गिरफ्तार
रमेश गोयत
चंडीगढ़ 31 मार्च। हरियाणा में रिश्वतखोरी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। अब रिश्वत लेने वाले अफसरों और पुलिसकर्मियों को कैश में पैसे लेने की जरूरत नहीं रही, बल्कि डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म 'गूगल पे' उनके लिए एक नया और सुरक्षित जरिया बन गया है।
रोहतक में पुलिस अधिकारी ने गूगल पे से लिए 50 हजार
ताजा मामला रोहतक जिले के लाखन माजरा थाने का है, जहां एक सब-इंस्पेक्टर ने एक लाख रुपये की रिश्वत ली। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसने इस रकम में से 50 हजार रुपये सीधे गूगल पे के जरिए ट्रांसफर करवा लिए। यह पारदर्शिता की नई परिभाषा गढ़ने जैसा है, जिसमें अब कैश की झंझट भी खत्म हो गई है।
ACB ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार
इस मामले की सूचना मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की रोहतक-हिसार टीम ने त्वरित कार्रवाई की और सब-इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। अब उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।
गूगल पे और पेटीएम का दुरुपयोग बढ़ा
सरकारी अधिकारियों द्वारा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म का इस तरह दुरुपयोग करना एक चिंता का विषय है। इससे पहले भी कई मामलों में सामने आया है कि रिश्वतखोर अधिकारी गूगल पे या अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं ताकि ट्रांजैक्शन को छिपाया जा सके और कोई ठोस सबूत न बचे। हालांकि, साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन पूरी तरह से ट्रेस किया जा सकता है, जिससे भ्रष्टाचारियों को पकड़ना आसान हो सकता है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
हरियाणा में यह पहला मामला नहीं है जब डिजिटल पेमेंट से रिश्वत लेने की बात सामने आई हो। इससे पहले भी कई जिलों में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इसी तरह से रिश्वत लेने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं:
गुरुग्राम (2023): नगर निगम के एक अधिकारी ने लाइसेंस अप्रूवल के बदले 75,000 रुपये गूगल पे के जरिए लिए थे। बाद में ACB ने उसे ट्रैक कर गिरफ्तार किया।
फरीदाबाद (2022): ट्रैफिक पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर ने गाड़ी छोड़ने के बदले पेटीएम के माध्यम से रिश्वत ली थी।
पंचकूला (2021): बिजली विभाग के एक अधिकारी ने मीटर अपग्रेडेशन के बदले 30,000 रुपये गूगल पे के जरिए लिए थे।
पंचकूला (2024): ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों ने एक सरकारी वकील से चालान के नाम पर पेटीएम से पैसे ट्रांसफर करवा लिए थे। बाद में जांच में पता चला कि पेटीएम अकाउंट पास की ही एक हलवाई की दुकान का था, जिसमें पुलिसकर्मी पैसे ट्रांसफर करवा रहे थे। इस खुलासे के बाद सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
सरकार और ACB की क्या है प्रतिक्रिया?
इस बढ़ते चलन पर चिंता जताते हुए हरियाणा सरकार और ACB ने सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि डिजिटल पेमेंट के जरिए रिश्वत लेना अब अधिकारियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा। ACB अब ऐसे सभी संदिग्ध लेन-देन पर नजर रखेगी और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बारीकी से ट्रैक किया जाएगा।
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत जहां सरकार ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया है, वहीं अब भ्रष्ट अधिकारी इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं। हालांकि, डिजिटल पेमेंट का हर ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड होता है, जिससे भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसना अब पहले से आसान हो सकता है। सरकार और भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों को मिलकर इस पर और कड़ी नजर रखने की जरूरत है ताकि डिजिटल माध्यमों का गलत इस्तेमाल न हो सके।
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